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Saturday, July 5, 2025

भारत ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर ग्रीन हाइड्रोजन पहल पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए तैयार है

भारत ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर 22 जून 2021 को ग्रीन हाइड्रोजन पहल पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम अपनी ग्रीन हाइड्रोजन पहलों एवं विचारों को साझा करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है, जिसमें इस बात पर चर्चा होती है कि, इसे अपने देशों में अगले स्तर तक कैसे ले जाया जाए। यह सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित किया जाएगा और 23 जून को समाप्त होगा।

इस कार्यक्रम का संचालन भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक और वैश्विक ऊर्जा कंपनियों में से एक विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसयू एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। वर्चुअल शिखर सम्मेलन ब्रिक्स देशों के सर्वश्रेष्ठ विचारों, नीति निर्माताओं और प्रमुख हितधारकों को ऊर्जा मिश्रण में हाइड्रोजन के भविष्य पर विचार-विमर्श तथा चर्चा करने के लिए अवसर उपलब्ध कराएगा।

सम्मलेन के पहले दिन प्रत्येक राष्ट्र के प्रतिनिधि हाइड्रोजन के उपयोग और उनकी भविष्य की योजनाओं पर अपने देशों द्वारा की गई संबंधित पहलों को साझा करेंगे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले वक्ता हाइड्रोजन पर विकसित विभिन्न तकनीकों की प्रासंगिकता तथा अपने देश के लिए इसकी प्राथमिकताओं को भी साझा करेंगे।

वहीं दूसरे दिन विभिन्न देशों द्वारा समग्र ऊर्जा नीति ढांचे में हाइड्रोजन को एकीकृत करने के विचारों पर पैनल चर्चा होगी। उभरती हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के लिए वित्तपोषण विकल्पों पर विचार-विमर्श और प्रौद्योगिकी के फलने-फूलने के लिए अपेक्षित पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए आवश्यक संस्थागत समर्थन पर भी बातचीत होगी।

जैसे-जैसे दुनिया तेजी से पूरी ऊर्जा प्रणाली को डीकार्बोनाइज करने की तरफ अग्रसर हो रही है, ऐसे में हाइड्रोजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने तथा दुनिया भर में अक्षय संसाधनों के तेजी से पैमाने पर निर्माण करने के लिए तैयार है। अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन के रूप में जाना जाता है जिसमें कार्बन का कोई अंश नहीं होता है। यह हाइड्रोजन के हरित उपयोग के विभिन्न रास्ते खोलने के लिए अन्य ईंधनों पर इसे प्रमुखता देने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि प्रौद्योगिकी, दक्षता, वित्तीय व्यवहार्यता तथा स्केलिंग के मामले में तमाम चुनौतियां भी हैं, जिन पर शिखर सम्मेलन के दौरान विचार विमर्श होगा।

ग्रीन हाइड्रोजन के असंख्य अनुप्रयोग हैं। अमोनिया और मेथनॉल जैसे हरित रसायनों का उपयोग सीधे मौजूदा ज़रूरतों जैसे उर्वरक, गतिशीलता, बिजली, रसायन, शिपिंग आदि में किया जा सकता है। व्यापक स्वीकृति प्राप्त करने के लिए सीजीडी नेटवर्क में 10 प्रतिशत तक ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण को अपनाया जा सकता है। हाइड्रोजन के माध्यम से हार्ड टू एबेट सेक्टरों (जैसे स्टील तथा सीमेंट) को हरा-भरा करके इसे और आगे ले जाने का पता लगाया जाना अभी शेष है। कई देशों ने अपने संसाधनों तथा ताकत के आधार पर अपनी रणनीति और परिभाषित लक्ष्य और रोडमैप तैयार किए हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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