बिहार में इन दिनों नई राजनीतिक बिसात बिछाई जा रही है। लोक जनशक्ति पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है। पार्टी में वर्चस्व कायम रखने के लिए पारस और चिराग गुट आमने-सामने है। इधर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए पशुपति कुमार पारस को अध्यक्ष चुन लिया गया है। इससे पहले पशुपति पारस ने नामांकन दाखिल किया था। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पशुपति पारस के नाम पर सांसदों ने एकमत से सहमति जताई। यह बैठक लोजपा के कार्यकारी अध्यक्ष चुनाव प्रभारी सूरज भान सिंह के निजी आवास पर हुई। हालांकि पार्टी कार्यालय में चुनावी प्रक्रिया नहीं होने से सवाल उठने लगे हैं।
कोरोना को लेकर कार्यकारी अध्यक्ष के आवास पर बैठक
पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह को देखते हुए चुनाव प्रभारी सूरजभान सिंह के कंकड़बाग टीवी टॉवर स्थित उनके आवास पर बैठक आयोजित की गई है। पारस गुट का कहना है कि कोरोना को देखते हुए कार्यकारी अध्यक्ष के आवास पर बैठक बुलाई गई है। पारस गुट का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठे ना हो, इसलिए चुनाव की प्रक्रिया अलग जगह आयोजित की गई है। अगर पार्टी दफ्तर में बैठक या चुनाव प्रक्रिया की जाती तो प्रदेशभर के कार्यकर्ता और नेता शामिल हो जाते। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा तेज हो जाता।
दो गुटों में बंटी लोजपा
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से लोक जनशक्ति पार्टी ( लोजपा) पर कब्जे की लड़ाई चल रही है। पार्टी चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजा चिराग पासवान के बीच बंट गई है। दोनों गुटों के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं। दिल्ली से लेकर पटना तक में दोनों गुटों के कार्यकर्ता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में जुटे हुए हैं। पशुपति पारस पार्टी में तानाशाही का आरोप लगा रहे हैं। तो चिराग पासवान चाचा पर विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं।