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Sunday, July 6, 2025

पंजाब : डिप्टी सीएम का पद दिए जाने की पेशकश को सिद्धू ने ठुकराया

पंजाब में कांग्रेस हाईकमान ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही रार को थामने के लिए एक कमिटी का गठन किया था, लेकिन उसके तमाम प्रयास असफल होते दिख रहे हैं। कैप्टन की लीडरशिप बनी रहने और डिप्टी सीएम का पद दिए जाने की पेशकश को सिद्धू ने ठुकरा दिया है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ने मल्लिकार्जुन खड़गे की लीडरशिप वाले पैनल से साफ कह दिया है कि वह कैप्टन अमरिंदर के साथ काम करने में सहज नहीं रहेंगे। कहा जा रहा है कि उन्होंने पैनल से कहा है कि यदि वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार भी कर लेते हैं, तब भी सहज नहीं रहेंगे। 

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सिद्धू ने पैनल से कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पहुंच से दूर रहते हैं। यही नहीं उन्होंने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस के विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। यही नहीं बादल परिवार पर हमेशा हमलावर रहने वाले सिद्धू ने कहा है कि वे पंजाब सरकार के कामकाज को प्रभावित कर रहे हैं। पैनल के सामने सिद्धू की इस राय से साफ हो गया है कि पंजाब में कांग्रेस की रार को थाम पाना हाईकमान के लिए टेढ़ी खीर है। माना जा रहा था कि पैनल की ओर से कांग्रेस को जो रिपोर्ट दी गई है, उस पर वह जल्दी ही कुछ कार्रवाई करेगी। लेकिन अब सिद्धू की अतिमहत्वाकांक्षा के चलते सारे प्रयास पटरी से उतर सकते हैं।

हाल ही में अबोहर में नवजोत सिंह सिद्धू के पोस्टर देखे गए थे। माना जा रहा है कि सिद्धू 2022 के लिए खुद को कैप्टन के तौर पर पेश करने का दावा कर रहे हैं। यह वही सीट है, जहां से प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ विधायक हैं। ऐसे में सिद्धू के पोस्टरों से इस बात के कयास लग रहे हैं कि शायद वह प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं। यही वह पद है, जिसे लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि वह इस पर सिद्धू को नहीं देख सकते। दरअसल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर यदि सिद्धू को नियुक्ति मिलती है तो उससे रार और बढ़ सकती है। इसके अलावा मिशन 2022 भी खटाई में पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि चुनाव के लिए सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल की जरूरत होगी, जो कैप्टन और सिद्धू के बीच मौजूदा हालात में मुश्किल लग रहा है। 

कहा जा रहा है कि पैनल ने नवजोत सिंह सिद्धू को राष्ट्रीय स्तर पर पद दिए जाने की भी पेशकश की है, लेकिन उन्होंने इसे भी ठुकरा दिया। सिद्धू का कहना है कि वह पंजाब की राजनीति में ही दिलचस्पी रखते हैं। हालांकि अब सिद्धू क्या करवट लेंगे, इसे लेकर अब भी संशय है। पार्टी हाईकमान से मीटिंग के बाद से वह सामने नहीं आए हैं और न ही कोई ट्वीट किया है। इससे पहले 1 जून को पैनल से मुलाकात के बाद सिद्धू ने ट्वीट किया था कि लोगों की ताकत उनके हाथों में लौटानी चाहिए। पंजाब की प्रगति में हर पंजाबी को हिस्सेदार बनाया जाना चाहिए। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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