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Thursday, December 26, 2024

छठे वेतन आयोग से संबंधित मांगों को लेकर : दिल्ली AIIMS में नर्सिंग स्टाफ की अनिश्चितकालीन हड़ताल

देश में जारी कोरोना संकट के बीच दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नर्स यूनियन की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है। नर्स यूनियन छठे केंद्रीय वेतन आयोग से संबंधित मांगों और अपनी अन्य मांगों को लेकर हड़ताल कर रही है।

दिल्ली नर्स यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि हमारी यूनियन प्रशासन के साथ बातचीत के लिए तैयार है। हम मरीजों के लिए बुरा महसूस कर रहे हैं, लेकिन हम असहाय हैं क्योंकि हमारी मांग पूरी नहीं हुई है। हमने एक महीने पहले हड़ताल का नोटिस दिया था, लेकिन तब भी प्रशासन ने हमारी मांगों को नहीं सुना।

जानकारी के अनुसार, एम्स का नर्स यूनियन अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है, जबकि एम्स के निदेशक ने उनसे आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की है। उनकी मांगों में छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना भी शामिल है। करीब पांच हजार नर्स सोमवार दोपहर से हड़ताल पर चले गए जिससे इस प्रतिष्ठित अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हुईं। वहीं एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक वीडियो मैसेज में महामारी के समय में हड़ताल को अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

उन्होंने कहा कि मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल पर नहीं जाएं और जहां तक नर्सों की बात है उनके संदर्भ में हमारी गरिमा को शर्मिंदा नहीं करें। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि मैं आप सभी से अपील करता हूं कि वापस आएं और काम करें और इस महामारी से निपटने में हमारा सहयोग करें। हड़ताल पहले 16 दिसंबर से शुरू होने वाली थी।

गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन तथा सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं। उन्होंने कहा कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने की असंगतता से जुड़ी हुई है।

एम्स निदेशक ने कहा कि नर्स संघ के साथ कई बैठकें न केवल एम्स प्रशासन की हुई हैं बल्कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार, व्यय विभाग के प्रतिनिधियों के साथ भी हुई हैं और जिस व्यक्ति ने छठे सीपीसी का मसौदा तैयार किया वह भी बैठक में मौजूद था। उन्हें बताया गया है कि उसकी व्याख्या सही नहीं है।

छठे सीपीसी की मांग के अलावा नर्स भर्ती में लैंगिक आरक्षण को खत्म करने और अनुबंध पर नियुक्तियां बंद करने आदि की भी मांग कर रहे हैं। निदेशक को लिखे पत्र में संघ ने कहा कि एम्स प्रशासन ने ठोस उपाय नहीं किए और छठे केंद्रीय वेतन आयोग से जुड़ी उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया।

वहीं, एम्स में भर्ती मरीजों के परिजनों का कहना है कि एम्स नर्सिंग यूनियन की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है। अस्पताल में आई प्रिया ने कहा कि मेरे पिता इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हैं और उनकी हालत के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिल रही है और अस्पताल के अंदर क्या चल रहा है। हमें 24 घंटे में एक कॉल आती है। 

वहीं, अभिषेक ने बताया कि हमारा भांजा इमरजेंसी में है, हमे उससे मिलने नहीं दे रहे हैं। हम कल भी ऐसे बैठे थे, हमें अभी तक मिलने नहीं दिया है। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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