यूपी में अब सिर्फ चार जिलों में ही कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। बाकी प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या 600 से कम हो गई है।अब सिर्फ लखनऊ, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर में ही कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। इसके साथ ही प्रदेश के 71 जिले कोरोना कर्फ्यू मुक्त हो गए।हालांकि, शनिवार व रविवार को सभी जिलों में पहले के आदेशों के अनुसार साप्ताहिक बंदी लागू रहेगी।
वहीं, बीते 24 घंटों में प्रदेश में 1100 नए मामले आए हैं जबकि 2446 मरीज डिस्चार्ज होकर घर वापस गए हैं। प्रदेश में इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 17944 है।बता दें कि यूपी सरकार कोरोना को नियंत्रित करने के ‘ट्रिपल टी’ अर्थात टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-9 के साथ हुई बैठक में पिंक बूथ की तैयारी के निर्देश दिए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के लिए विशेष बूथ बनाए गए थे।
प्रदेश को कोरोना से बचाने में श्रमिकों का योगदान अहम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी को बचाने में यहां के श्रमिकों ने अपनी जान को दांव पर लगाकर अहम योगदान दिया है। श्रमिकों की मेहनत का नतीजा है कि नई प्रयोगशालाएं स्थापित हुई हैं। कोरोना काल में सैनिटाइजर, मास्क व पीपीई किट का निर्माण चुनौती थी। इसमें श्रमिकों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।
उन्होंने ये बातें भारतीय मजदूर संघ उप्र के 35वें त्रैवार्षिक अधिवेशन का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के दौरान कही। उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के कार्यों की जमकर तारीफ की। कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने में भारतीय मजदूर संघ से जुड़े श्रमिकों के परिश्रम व पुरुषार्थ अहम योगदान रहा है। प्रदेश सरकार इन श्रमिकों के कल्याण और उत्थान के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही हैं।
54 लाख श्रमिकों-कामगारों को राशन व भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने पिछले साल 54 लाख श्रमिकों-कामगारों को राशन व भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया था। इस साल भी श्रमिक, कामगार, स्ट्रीट वेंडर जैसे रोजाना कमाकर जीविका चलाने वाले लोगों को भरण-पोषण भत्ता दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन किया गया है, जो श्रमिकों के हितों को संरक्षित करने और उन्हें रोजगार मुहैया कराने का काम कर रहा है। दुर्भाग्यवश किसी श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांगता हो जाने पर 2 लाख रुपये के सुरक्षा बीमा कवर और 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा कवर की व्यवस्था की गई है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-9 के साथ हुई बैठक में पिंक बूथ की तैयारी के निर्देश दिए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के लिए विशेष बूथ बनाए गए थे।
प्रदेश को कोरोना से बचाने में श्रमिकों का योगदान अहम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश की 25 करोड़ की आबादी को बचाने में यहां के श्रमिकों ने अपनी जान को दांव पर लगाकर अहम योगदान दिया है। श्रमिकों की मेहनत का नतीजा है कि नई प्रयोगशालाएं स्थापित हुई हैं। कोरोना काल में सैनिटाइजर, मास्क व पीपीई किट का निर्माण चुनौती थी। इसमें श्रमिकों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।उन्होंने ये बातें भारतीय मजदूर संघ उप्र के 35वें त्रैवार्षिक अधिवेशन का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के दौरान कही।
उन्होंने भारतीय मजदूर संघ के कार्यों की जमकर तारीफ की। कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने में भारतीय मजदूर संघ से जुड़े श्रमिकों के परिश्रम व पुरुषार्थ अहम योगदान रहा है। प्रदेश सरकार इन श्रमिकों के कल्याण और उत्थान के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही हैं।54 लाख श्रमिकों-कामगारों को राशन व भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने पिछले साल 54 लाख श्रमिकों-कामगारों को राशन व भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया था। इस साल भी श्रमिक, कामगार, स्ट्रीट वेंडर जैसे रोजाना कमाकर जीविका चलाने वाले लोगों को भरण-पोषण भत्ता दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन किया गया है, जो श्रमिकों के हितों को संरक्षित करने और उन्हें रोजगार मुहैया कराने का काम कर रहा है। दुर्भाग्यवश किसी श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांगता हो जाने पर 2 लाख रुपये के सुरक्षा बीमा कवर और 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा कवर की व्यवस्था की गई है।