अलीगढ़ के टप्पल स्थित नूरपुर गांव में पलायन के मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद टप्पल पुलिस गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। गांव में सोमवार सुबह से ही मीडिया का जमावड़ा लगा हुआ है। सूचना है कि मामला बढ़ता देख दोपहर बाद गांव में अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम, हाथरस सांसद राजवीर दिलेर और खैर विधायक अनूप प्रधान पहुंच सकते हैं।
मालूम हो कि टप्पल थाना क्षेत्र के गांव नूरपुर में समुदाय विशेष के लोगों द्वारा बरात चढ़त रोकने से नाराज करीब सवा सौ हिंदू परिवारों ने रविवार की सुबह अपने दरवाजों पर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखकर सनसनी फैला दी। सोशल मीडिया पर यह फोटो वायरल हुए तब पुलिस भी सतर्क हुई। रविवार की देर शाम गांव के एक व्यक्ति की तहरीर पर समुदाय विशेष के 11 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हो गई है। हालांकि दूसरे पक्ष से भी थाने में तहरीर दी गई थी, लेकिन उस पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है।
मामला 26 मई की दोपहर गांव के निवासी अनुसूचित जाति के ओमप्रकाश की दो बेटियों की बरात को चढ़ने से रोकने का बताया गया है। ओमप्रकाश के अनुसार बरात चढ़त के साथ उनके दरवाजे पर आ रही थी। मुख्य मार्ग पर मस्जिद के पास समुदाय विशेष के कुछ लोग एकत्र होकर बरात चढ़त का विरोध करने लगे। इस भीड़ ने बरातियों और गांव के हिंदुओं पर लाठी, डंडे व राड से हमला कर दिया।
इसमें डीजे वाली गाड़ी के शीशे टूट गए। गाड़ी के चालक समेत दो लोग घायल हो गए। उन्होंने थाने में जानकारी देने के साथ ही अगली सुबह आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
सुरक्षा देने के नाम पर गांव में दो पुलिसकर्मी बिठा दिए। गांव वालों ने आरोप लगाया कि समुदाय विशेष की भीड़ ने सुनियोजित तरीके से बरात पर हमला किया था। पुलिस की कार्रवाई न होने से नाराज पीड़ित परिवार और उनके समर्थन में लोगों ने अपने दरवाजों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखने के साथ ही रविवार की सुबह पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। मामला बढ़ता देख रविवार की शाम को टप्पल पुलिस ने ओमप्रकाश पुत्र तेजपाल की तहरीर पर गांव के वकील, कलुआ, मुस्तकीम, सरफू, अंसार, सोहिल, फारुख, अमजद, तौफीक, सहजोर और लहरू के नाम रिपोर्ट दर्ज कर ली थी।
करीब बीस फीसदी है हिंदू आबादी
गांव के राजवीर के अनुसार नूरपुर गांव की आबादी करीब 3500 है। इसमें 80 प्रतिशत मुस्लिम व 20 प्रतिशत हिंदू समाज के लोग रहते हैं। तीन मस्जिदें और एक बड़ा मदरसा संचालित है। ओमप्रकाश के अनुसार पहले भी 25 अप्रैल व 9 मई को इसी तरह बरात चढ़त का विरोध किया गया था।