दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन का आज 18वां दिन है। किसान यूनियन की पंजाब इकाई ने दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शनिवार को बंद करने की चेतावनी दी थी। संगठन ने अब रविवार को हाईवे पर आवाजाही ठप करने की बात कही है। इस बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर पंजाब के पार्टी सांसदों द्वारा दिल्ली में जंतर-मंतर पर आयोजित धरने में शामिल हुए। उन्होने कहा, “मेरे दोस्त यहां केंद्र से किसानों की यूनियनों के साथ मामला निपटाने के लिए और शीतकालीन सत्र भी आयोजित करने के लिए कह रहे हैं जो कि नवंबर के तीसरे सप्ताह तक शुरू हो जाना चाहिए था।
इधर, आगामी 14 दिंसबर को देशभर में जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन और मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के घेराव के लिए किसान संगठनों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। दिल्ली के सिंघु बार्डर पर डटे किसान नेता शनिवार सुबह से ही ट्रेड-बैक यूनियन, रेल-ट्रांसपोर्ट यूनियन, पेंट्रोल पंप संगठन आदि के पदाधिकारियों से समर्थन जुटाने के लिए निकल गए।
इसके अलावा किसान नेताओं के अह्वान पर पंजाब से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्राली, बस, स्कूटर, मोटरसाइकिल व कारों पर सवार होकर दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। लंबी लड़ाई के लिए किसानों ने उक्त वाहनों में महीनों का राशन भर लिया है।
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-पंजाब के डीआईजी (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने स्टेट प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को लिखा और अनुरोध किया कि उन्हें समय से पहले सेवा से सेवानिवृत्त माना जाए। उन्होंने लिखा “मैं आपको अपने किसान भाइयों के साथ खड़े होने के मेरे विचार के बारे में सूचित करना चाहता हूं, जो कृषि कानूनों का शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं।”
-कांग्रेस नेता शशि थरूर पंजाब के पार्टी सांसदों द्वारा दिल्ली में जंतर-मंतर पर आयोजित धरने में शामिल हुए। उन्होने कहा, “मेरे दोस्त यहां केंद्र से किसानों की यूनियनों के साथ मामला निपटाने के लिए और शीतकालीन सत्र भी आयोजित करने के लिए कह रहे हैं जो कि नवंबर के तीसरे सप्ताह तक शुरू हो जाना चाहिए था।
-केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि- हम किसानों और उनके प्रतिनिधियों के संपर्क में हैं और मुझे लगता है कि जल्द ही अगली बैठक होगी।
– केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी बोले- दो कदम अगर किसान आगे बढ़ेगा तो दो कदम सरकार आगे बढ़ेगी और इसका हल निकालें। वरना, इन लोगों ने तो 60 साल सिर्फ राजनीति की थी और आज भी ये किसान का इस्तेमाल कर आगे बढ़ना चाहते हैं।
– कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान शनिवार को हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में राजमार्गों के टोल प्लाजा पर एकत्र हुए। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि जल्द ही दिल्ली की सीमाओं पर और भी हजारों लोग पहुंचेंगे और अपने आंदोलन को तेज करेंगे।
-दिल्ली में पंजाब के जुड़वां भाइयों ने गाजीपुर में प्रदर्शनकारियों को गर्म कपड़े बांटे, क्योंकि यहां विरोध प्रदर्शन 16 वें दिन में प्रवेश कर गया। उनमें से एक करणवीर कहते हैं, “कौन सड़कों पर रहना पसंद करता है? यह संघर्ष का समय है। मैं मोदी जी का प्रशंसक हूं, मुझे यकीन है कि वह समझ जाएंगे कि देश किसानों के बिना प्रगति नहीं कर सकता।”
-भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि- न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP), तीन कानून और किसान के जितने भी मुद्दे हैं उन पर सरकार बातचीत करे और इनका समाधान करे। जब तक ये(कानून) वापस नहीं होते किसान यहां से नहीं जाएगा।
-राजस्थान में जयसिंहपुर-खीरी सीमा (राजस्थान-हरियाणा) के पास शाहजहाँपुर में किसान एकत्रित हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ” यह हमारा 12 वां दिन है। हम अधिक किसान यूनियनों के पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं ताकि हम दिल्ली जा सकें।
-केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा किसानों ने उस वक़्त जो बातें कहीं थी जब सरकार उन सारी चीजों को मान रही है तो दुविधा का सवाल कहां खड़ा होता है? दुविधा सिर्फ उन ताकतों ने खड़ी करने की कोशिश की है जो 6 सालों से हर मुद्दे पर देश में दुविधा पैदा कर रही हैं।