उत्तर प्रदेश के महराजगंज में मासूम पीयूष के अपहरण और हत्या को लेेकर पुलिस अब परिजनों और ग्रामीणों के निशाने पर आ गई है। इस मामले में पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए गुस्साई भीड़ ने रविवार की सुबह कोतवाली के सामने महराजगंज-फरेंदा हाईवे को जाम कर दिया। सड़क पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी बैठ गईं। लोग यहां प्रशासन के किसी अफसर से बात करने को तैयार नहीं हैं। खुलासे पर सवाल उठाते हुए लोगों का कहना है कि वे सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे।
बांसपार बैजौली निवासी दीपक गुप्ता के मासूम बेटे पीयूष का बीते 9 दिसंबर को दोपहर दो बजे अपहरण हो गया। शनिवार की शाम पुलिस ने मासूम के रिश्ते में चाचा लगने वाले एक नाबालिग को पकड़कर मामले का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार नाबालिग आरोपी की निशानदेही पर पीयूष का शव गांव के पास खेत से बरामद हुआ। एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि आरोपी ने अपहरण के दिन ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव छिपाने के बाद रात को खेत में दफन कर दिया।
इस खुलासे के बाद शनिवार की देर रात ही लोग कोतवाली पहुंच गए। रात भर विरोध की आवाज उठती रही। रविवार की सुबह लोगों ने हाईवे पर चटाई बिछा ली और सड़क जाम कर दिया। मृत मासूम के चाचा सहित अन्य लोगों का कहना है कि बीते पांच सितंबर को भी पांच लाख की फिरौती मांगी गई थी। तत्कालीन एसपी से शिकायत की गई, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी। इधर चार दिनों से पुलिस घुमाती रही। जिस पर शक जताया गया, उसको पकड़ा तक नहीं और परिजनों को पकड़कर दबाव में जबरदस्ती खुलासा कर रही है।
सीएम से ही कहेंगे अपनी पीड़ा
जाम लगाए लोगों को समझाने की कोशिश पुलिस के लोग करते रहे, लेकिन लोग किसी की सुनने को तैयार नहीं हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि यहां के प्रशासन पर उनको कोई भरोसा नहीं है। बीते 5 सितंबर को फिरौती मांगने की शिकायत पर कार्रवाई हुई होती तो मासूम की जान नहीं गई होती। इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी पुलिस सही खुलासा नहीं कर रही है। अब वे मुख्यमंत्री से ही अपनी बात कहेंगे।