चर्चित पत्रिका ‘तहलका’ के संपादक तरुण तेजपाल को गोवा की निचली अदालत द्वारा महिला साथी के साथ कथित यौन शोषण के मामले में बरी कर दिया गया। जानकारी के अनुसार मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते समय पुलिस की जांच को कठघरे में खड़ा किया था। कोर्ट ने तरुण तेजपाल को संदेह के लाभ के आधार पर बरी करते हुए कहा था कि जांच के दौरान गोवा पुलिस ने सबूतों को नष्ट किया और सही साक्ष्यों को पेश नहीं किया। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ अब गोवा सरकार ने पीड़ित महिला को इंसाफ दिलाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की है।
मामले की जांच पर क्या कहा कोर्ट ने?
गोवा में स्थित मापुसा की अतिरिक्त सत्र अदालत ने तरुण तेजपाल को बरी करते हुए कहा कि गोवा पुलिस ने पांच सितारा होटल की पहली मंजिल के सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिया, जो एक महत्वपूर्ण सबूत था। कोर्ट ने अपने 527 पेज के आदेश में कहा कि निष्पक्ष जांच आरोपी का मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने अपने आदेश में गोवा पुलिस की ऐसी तमाम गलतियों का जिक्र किया है। अदालत ने कहा है कि जांच अधिकारी ने ग्राउंड फ्लोर, पहली और दूसरी मंजिल के सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए लेकिन पहली मंजिल का फुटेज अदालत के समक्ष नहीं पेश किया गया। यह जांच में एक महत्वपूर्ण चूक है। अदालत ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी ने 26 नवंबर, 2013 के सीसीटीवी फुटेज से पीड़िता के बयान की तुलना नहीं की, जो इस मामले में सबसे तटस्थ सबूत था। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी की जिम्मेदारी बनती है कि वह मामले की निष्पक्ष जांच करे ताकि सच्चाई सामने आ सके।
निचली अदालत ने अंतिम फैसले में क्या कहा?
न्यायाधीश क्षमा जोशी ने कहा कि कोर्ट के समक्ष पेश किए गए सबूतों पर विचार करने के बाद, अभियुक्त (तरुण तेजपाल) को संदेह का लाभ दिया जाता है क्योंकि अभियोजन पक्ष (पीड़ित पक्ष) द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन करने वाला कोई सबूत नहीं है। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी ने 21 नवंबर, 2013 की महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज (पहली मंजिल की गेस्ट लिफ्ट) को देखा, जिसमें साफ दिखता है कि आरोपी लिफ्ट से बाहर निकल रहा है। फुटेज को महत्वूवर्ण जानने के बाद भी ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी ने फुटेज को जब्त करने में देरी की और इस बीच, 7 नवंबर, 2013 की पहली मंजिल के सीसीटीवी फुटेज को नष्ट कर दिया गया। अदालत ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी ने उस कमरे को कभी सील नहीं किया, जिसमें पहली मंजिल की महत्वपूर्ण फुटेज वाला डीवीआर रखा गया था।
तेजपाल पर क्या था आरोप?
तेजपाल पर यह आरोप था कि उन्होंने 7 नवंबर, 2013 को गोवा की एक पांच सितारा होटल के ब्लॉक 7 के बाएं लिफ्ट में कथित तौर पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता पक्ष का कहना है कि 8 नवंबर, 2013 को पीड़िता के साथ फिर से छेड़छाड़ की गई। इस मामले में तेजपाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354- A (शीलभंग) और 376 (बलात्कार) सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। मामले की जांच करने वाली पुलिस उपाधीक्षक सुनीता सावंत ने शिकायत दर्ज कराई थी।