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Tuesday, August 5, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट : देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे कुछ विशिष्ट व्यक्तियों के इलाज के लिए अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने होंगे

कोरोना महामारी के मद्देनजर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे कुछ विशिष्ट व्यक्तियों के इलाज के लिए अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने होंगे। हाईकोर्ट ने कहा कि ‘हम समझ सकते हैं कि ऐसी स्थिति के लिए अस्पतालों में कुछ बेड हैं, जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि यदि राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को इलाज की जरूरत है या आगे पड़ी तो आपको अस्पताल में उनके लिए बेड आरक्षित होंगे। बेंच ने कहा कि इस तरह की श्रेणी अस्पताल में होनी चाहिए, आप इससे मना नहीं कर सकते। बेंच ने अस्पतालों में आम लोगों की जगह वीआईपी लोगों को इलाज में तरजीह देने के आरोपों को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील विवेक सूद ने कहा कि निश्चित रूप से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या इस श्रेणी के विशिष्ट लोगों के लिए बेड आरक्षित होने चाहिए। सूद ने कहा कि वह आम लोगों के बारे में बात कर रहे हैं, जहां अस्पतालों में वीआईपी संस्कृति का पालन किया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण का इलाज कर रहे अस्पतालों में आम मरीजों को भर्ती करने में भेदभाव और वीआईपी संस्कृति के पालन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई रही है। याचिका में कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों को अस्पतालों में खाली बेड की स्थिति का पता लगाने में मदद करने के लिए एक केंद्रीकृत और पारदर्शी प्रणाली की भी मांग की गई है।

हाईकोर्ट ने कहा कि वह पहले ही कोरोना महामारी से संबंधित मामलों में विभिन्न आदेश पारित कर चुकी है, जिसमें अस्पतालों को बेड की उपलब्धता और 10 दिनों से अधिक समय से भर्ती मरीजों के विवरण और कारणों के बारे में निर्देश शामिल हैं। बेंच ने कहा कि हमने अपनी सुनवाई में इन पहलुओं का भी ध्यान रखा है। साथ ही कहा है कि वह याचिकाकर्ता की चिंताओं को समझ रहे हैं, जो वास्तविक हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 24 मई को इसी तरह की याचिका के साथ करने का निर्णय लिया।

दिल्ली निवासी मंजीत सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि मौजूदा समय में स्वास्थ्य की आपात स्थिति में बेड की मांग इसकी आपूर्ति से अधिक है। याचिका में कहा गया है कि लोगों को बिना किसी परेशानी के बेड मिलें, यह सुनिश्चित करने के लिए एक पारदर्शी प्रणाली बनाने की जरूरत है। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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