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Monday, June 30, 2025

विश्व मधुमक्खी दिवस पर शहद परीक्षण प्रयोगशाला परियोजना का कृषि मंत्री द्वारा शुभारंभ

विश्व मधुमक्खी दिवस परएवं भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के शुभ संदर्भ में,कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर नेभारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा, नई दिल्ली में शहद परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की परियोजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा किगांव- गरीब- किसानों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार पूरी तरह समर्पित है। प्रधानमंत्री जी ने सब्सिडी बढ़ाने का ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए खाद के बढ़े हुए भाव का बोझ किसानों पर नहीं आने दिया है।

गुरूवार को,राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन एवं शहद मिशन के अंतर्गत, मधु एवं मधुमक्खीपालन के अन्य उत्पादों के गुणवत्ता परीक्षण हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में क्षेत्रीय मधु गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की परियोजना का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि किसानों को जब डीएपी का एक बैग 1200 रूपए में मिलता था, तब इसकी वास्तविक कीमत 1700 रू. होती थी, 500 रू. सरकार देती थी। एकाएक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया आदि के भाव बढ़ने के कारणडीएपी की कीमत बढ़ी, जिससे एक बैग 2400 रू. का हो गया। ऐसे में यदि सरकार की ओर से 500 रू.प्रति बैग की ही सहायता मिलती होती तो किसानों को बैग 1900 रू. में पड़ता। इस पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसानों पर एक रूपए का भी बोझ नहीं आना चाहिए, इसलिए अब केंद्र सरकार द्वारा 140 प्रतिशत अधिक सब्सिडी के रूप में 700 रू.सहायता देते हुए कीमत1200 रू. ही रहने दी गई है। श्री तोमर ने इस ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री का आभार माना।

श्री तोमर ने कहा कि देश में शहद का उत्पादन व निर्यात बढ़ रहा है तथा अच्छी गुणवत्ता के शहद के लिए भी पूरे प्रयत्न हो रहे हैं। छोटे-मझौले किसान इस काम से जुड़े ताकि उनकी आमदनी बढ़े, इसके लिए इस काम को मोदी जी की सरकार ने तेज गति दी है।राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन व शहद मिशन (NBHM) में समग्र संवर्धन तथा वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के विकास व “मीठी क्रांति“ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए 300 करोड़ रू. की मंजूरी दी गई है। साथ ही,NBHM को आत्मनिर्भर भारत अभियान में केंद्र सरकार द्वारा 500 करोड़ रू. आवंटित किए गए है। इसमें राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), आणंद में 5 करोड़ रू. की सहायता से विश्वस्तरीय स्टेट आफ द आर्ट हनी टेस्टिंग लैब स्थापित की जा चुकी है। इसके अलावा, दो अन्य क्षेत्रीय/ बड़ी शहद व मधुमक्खी पालन के अन्य उत्पादों की परीक्षण प्रयोगशालाएं आठ-आठ करोड़ रू. की राशि सहित मंजूर की गई है। इस क्षेत्र के विकास की दृष्टि से, 13 मिनी/ सैटेलाइट जिला स्तरीय शहद व मधुमक्खीपालन के अन्य उत्पादों की प्रयोगशालाएं तथा ऑनलाइन पंजीकरण एवं शहद व अन्य उत्पादों के ट्रेसिबिलिटी स्रोत के विकास से संबंधित तथा अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी स्वीकृत की गई है। शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों के स्रोत का पता लगाने संबंधी ऑनलाइन पंजीकरण व ट्रेसिबिलिटी सिस्टम के लिए मधु क्रांति पोर्टल का शुभारंभ भी दो महीने पूर्व किया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देने के लिए अन्य प्रयासों के साथ-साथ मधुमक्खीपालकों के FPO बनाने की भी शुरूआत हो चुकी है। इनके सहित देशभर में 10 हजार FPOबनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही, तब कृषि क्षेत्र के लिए 1 लाख करोड़ रू. के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अलावा मधुमक्खी पालन सहित अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों का भी ध्यान रखा है। श्री तोमर ने कहा कि शहद का उत्पादन बढ़ना चाहिए वगुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए। छोटे से छोटा किसान भी इस कार्य से जुड़े।जो भूमिधारक नहीं है, उनके लिए यह क्षेत्र रोजगार का बड़ा साधन बने, इसके लिए राज्यों को प्रयत्न करना चाहिए।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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