उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को आगरा में पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसएन मेडिकल कॉलेज स्थित एसटीडीसी सेंटर में अफसरों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा कि बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। संक्रमण के समय में जागरूक मुहिम का साथ दें, नकारात्मक चीजों से बचें। प्रदेश में पिछले 12 दिनों में एक्टिव के लगातार घट रहे हैं। केंद्र सरकार की मदद से 1000 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन प्रदेश को प्राप्त हो रही है।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस और वायु सेना की मदद से दूसरी लहर पर जल्द ही नियंत्रण पा लिया जाएगा। तीसरी लहर के लिए भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने आगरा मंडल की समीक्षा के बाद कहा कि पहली लहर में हमारे पास एल-वन श्रेणी के बेड अधिक से दूसरी लहर में अल्टो एवं एल-थ्री श्रेणी के बेड बढ़ाए गए हैं।
मंडल में 240 रैपिड रिस्पांस टीम ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर तक एंटीजन टेस्ट कर रही हैं। निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा हाई रिस्क श्रेणी के यानी कि 60 वर्ष से अधिक अधिक उम्र के लोग घर से बाहर न निकलें, घर में ही रहें। करीब डेढ़ घंटे तक मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इससे पहले उन्होंने नगर निगम स्थित कमांड कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया 7:30 बजे मुख्यमंत्री लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अगवानी मेयर नवीन जैन ने की। जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह और एसएसपी मुनिराज जी भी मौजूद थे। आगरा आने के बाद योगी आदित्यनाथ सबसे पहले मुख्यमंत्री ने पथौली गांव में निगरानी समितियों के कार्यों का निरीक्षण किया। इसके बाद नगर निगम के कमांड सेंटर में व्यव्थाओं का जायजा लिया।
एमजी रोड पर दो घंटे फंसे रहे मरीज
दो घंटे तक शहर की लाइफलाइन एमजी रोड बंद होने से मरीजों की जान आफत में आ गई। एम्बुलेंस फंसी रहीं। साईं की तकिया कोविड अस्पताल, एसआर के मरीज फंस गए। पुलिस ने यातायात रोके रखा। छीपीटोला, कलक्ट्रेट, धाकरान चौराहे पर लोग जाम खुलने के इंतजार में खड़े रहे। कुछ बीमार भी फंसे रहे, जिन्हें पुलिस ने नहीं जाने दिया। मरीजों के परिजनों के मिन्नत करते रहे। पुलिस कर्मी नहीं पसीजे। रोजेदार भी जाम में फंसने से समय पर रोजा नहीं खोल पाए। कई जगह जाम में फंसी जनता भड़क गई। विरोध कर जबरन निकलने की कोशिश, बमुश्किल पुलिस ने समझाया।