अमेजन और गूगल के साथ ही टाटा समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसे समूह ने कोविड अस्पतालों की स्थापना की है, विदेशों से क्रायोजेनिक टैंकर मंगाए हैं और ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
नई दिल्ली, कोविड-19 महामारी के भीषण का सामना कर रहे भारत को वैश्विक और घरेलू उद्योग जगत से बढ़-चढ़ कर मदद मिल रही है, जिसमें उपकरणों के हवाई जहाज से लाना, मेडिकल ऑक्सीजन तैयार करना और अस्पतालों की स्थापना शामिल है, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को अतिरिक्त मदद की जाए। अमेजन और गूगल के साथ ही टाटा समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसे समूह ने कोविड अस्पतालों की स्थापना की है, विदेशों से क्रायोजेनिक टैंकर मंगाए हैं और ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की है। इसके अलावा कंपनियों ने आर्थिक सहायता भी की है।
गूगल- इस महामारी से मुकाबले के लिए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने पिछले महीने 1.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर दान देने की घोषणा की।
अमेजन- अमेजन भारत में 1,000 मेडट्रोनिक वेंटिलेटर वितरित करेगा।
माइक्रोसॉफ्ट- माइक्रोसॉफ्ट भारत को 1,000 वेंटिलेटर और 25,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराएगा।
रिलायंस- मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी तेल रिफाइनरियों से प्रतिदिन 1,000 टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन देने की व्यवस्था की, जो भारत की कुल मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति का 11 फीसदी से अधिक है। समूह ने जामनगर और मुंबई में कोविड रोगियों के मुफ्त इलाज के लिए कुल 1,875 बिस्तर वाले अस्पताल भी तैयार किए।
जेएसडब्ल्यू- भारत की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी जेएसडब्ल्यू ने कुछ इस्पात उत्पादों का विनिर्माण बंद कर दिया, ताकि सैकड़ों टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सके।
विप्रो- विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने पुणे में एक आईटी संयंत्र को 430 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया, वहीं इंफोसिस ने नारायण हेल्थ के सहयोग से बंगालूरू में 100 कमरे का कोविड अस्पताल स्थापित किया है, जो गरीबों की मुफ्त देखभाल करता है।
टाटा समूह- टाटा समूह ने अपनी कंपनियों के माध्यम से कोविड रोगियों के लिए लगभग 5,000 बिस्तर उपलब्ध करवाए। इसके अलावा समूह ने 1,000 क्रायोजेनिक कंटेनरों का आयात किया।
मालूम हो कि देश में बीते 24 घंटे में 3.66 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिले हैं और 3,754 लोगों की जान चली गई है। इससे पहले, पिछले चार दिनों से लगातार हर रोज चार लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे थे।