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Friday, June 27, 2025

सब-इंस्पेक्टर ने ड्यूटी के लिए अपनी बेटी की शादी को टाल दिया

दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन थाने में तैनात 56 वर्षीय असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर राकेश कुमार इन दिनों कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। पिछले 36 साल से दिल्ली पुलिस में सेवाएं दे रहे राकेश कुमार को 13 अप्रैल से लोधी कॉलोनी श्मशान घाट में ड्यूटी पर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल से अब तक उन्होंने 50 से अधिक शव जलाए हैं क्योंकि उनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं था। उन्होंने कम से कम 1,100 शवों के दाह संस्कार में सहायता की है।इतना ही नहीं, राकेश कुमार ने ड्यूटी के लिए अपनी बेटी की शादी को भी टाल दिया है।

अपनी ड्यूटी के रूप में वह हर दिन सुबह 7 बजे श्मशान घाट में आते हैं और रात तक वहां रहते हैं। दिन भर में, वह पुजारियों और श्मशान के कर्मचारियों को श्मशान के प्रबंधन में सहायता करते हैं। राकेश कुमार ने कहा कि एक दिन में 47 शवों का अंतिम संस्कार करने की क्षमता वाले लोधी कॉलोनी श्मशान में प्रतिदिन लगभग 60 शव आ रहे हैं। महामारी से पहले, यहां प्रतिदिन आने वाले शवों की गिनती 10 से भी कम थी।

इंडिया टुडे टीवी के अनुसार, अपने प्रयासों से, राकेश कुमार यह सुनिश्चित करते हैं कि मृत्यु के बाद मृतक की की गरिमा को ठेस न पहुंचे। राकेश ने कहा कि उन्होंने ऐसे कई लोगों की मदद की है जो अपने माता-पिता या दादा-दादी का अंतिम संस्कार करने के लिए अकेले आए थे। एक बार, उन्होंने एक किशोरी को उसके पिता का अंतिम संस्कार करने में भी मदद की। एक और उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को अपने बुजुर्ग पड़ोसी का अंतिम संस्कार करने में मदद की। मृतक के बच्चे विदेश में रहते थे और इसलिए वह अंतिम संस्कार के लिए नहीं आ सके।

राकेश कुमार ने अपनी बेटी की शादी को टालने का कारण बताते हुए कहा कि मैं अभी जश्न मनाने के बारे में कैसे सोच सकता हूं?   

राकेश कुमार मूलरूप से उत्तर प्रदेश में बागपत जिले के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी और तीन बच्चे वहीं रहते हैं। उनकी बेटी की 7 मई को शादी होने वाली थी, लेकिन उसने अब उन्होंने अपनी शादी को टाल दिया है क्योंकि वह अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ना चाहते।

उन्होंने कहा कि हालांकि मैं हर बार पीपीई किट और डबल मास्क पहनता हूं, लेकिन मैं अपने परिवार के सदस्यों को खतरे में नहीं डालना चाहता और यहां कई परिवार हैं जिन्हें हमारी मदद की जरूरत है। यह अब मेरा कर्तव्य है। मैं इसे छोड़कर अपनी बेटी की शादी का जश्न कैसे मना सकता हूं? 

राकेश कुमार चार साल में रिटायर होंगे और तब तक अधिक से अधिक लोगों की मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह वायरस से डर नहीं रहे क्योंकि वह सभी सावधानी बरतते हैं और एक महीने पहले उन्हें टीका लगाया गया था। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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