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Monday, August 4, 2025

लॉकडाउन के विरोध में आए किसान संगठन, आठ मई को पंजाब में खुलवाएंगे सभी बाजार 

किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के नाम पर आम आदमी को बर्बाद करना चाहती है और उसकी इस मंशा को किसान पूरा नहीं होने देंगे।  

नई दिल्ली, पंजाब के 32 किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि लॉकडाउन के विरोध में 8 मई को पूरे पंजाब में बाजार खोले जाएंगे। किसानों ने व्यापारियों व आमजन का आह्वान किया है कि वे आठ मई को पहले की तरह बाजार खोलने के साथ ही काम करें। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के नाम पर आम आदमी को बर्बाद करना चाहती है और उसकी इस मंशा को किसान पूरा नहीं होने देंगे। इसके साथ ही 10 व 12 मई को एक बार फिर से दिल्ली बॉर्डर के धरनास्थलों पर किसानों की भीड़ जुटेगी। 

पंजाब के 32 किसान संगठनों की बुधवार को कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर बैठक हुई। इसमें किसानों ने आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा की। बैठक के बाद किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल, जगजीत सिंह दल्लेवाल आदि ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना के खिलाफ लड़ने में असफल रही है। सरकार नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं व मूलभूत सुविधा जैसे ऑक्सीजन, बेड, दवाएं आदि उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हुई है। 

उन्होंने कहा कि हालांकि भाजपा किसानों के धरनों को कोरोना फैलाने का बड़ा कारण बता रही है, लेकिन यहां किसान जरूरी सावधानियां बरत रहे हैं। सरकारें अपनी नाकामी छिपाने के साथ ही जन विरोधी फैसले लेने के लिए लॉकडाउन लगा रही हैं। इससे किसानों, मजदूरों, दुकानदारों व आम नागरिकों का जीवन बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है। पंजाब की 32 किसान यूनियनों का यह फैसला है कि 8 मई को पंजाब में किसान, मजदूर, दुकानदार काफी संख्या में सड़कों पर आकर लॉकडाउन का विरोध करेंगे। इसके अलावा देशव्यापी आंदोलन के लिए जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी और उसमें आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
 
वहीं कुंडली बॉर्डर धरनास्थल पर मौजूद एक भी किसान ने अभी तक कोरोना जांच नहीं कराई है। प्रशासन के साथ किसान नेताओं की बैठक में अफसरों ने कोरोना जांच कराने की किसानों से अपील जरूर की, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं दिख रहा है। 

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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