नई दिल्ली, आप दिनभर टेलीविजन पर न्यूज चैनल देखते होंगे, सुबह-सवेरे अखबार पढ़ते होंगे और अपने मोबाइल पर कई न्यूज वेबसाइट के जरिए खबरों से रूबरू होते होंगे। मतलब देश-दुनिया में कुछ भी घटित हो, प्रेस बिना देरी के आप तक वो सबकुछ पहुंचाती है, जिसका सरोकार सीधा आपसे होता है। वहीं, दुनिया भर में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं भी होती हैं, और प्रेस को लोकतंत्र का चौधा स्तंभ भी कहा जाता है। हर साल तीन मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इस दिन के बारे में कुछ खास बातें।
साल 1997 से हर साल मनाया जा रहा है ये दिन
दरअसल, प्रेस की आजादी को सम्मान देने और उसके महत्व को रेखांकित करने के लिए तीन मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यूनेस्को साल 1997 से हर साल तीन मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार भी दिया जाता है। यहां आपको बता दें कि ये पुरस्कार उस व्यक्ति या संस्थान को दिया जाता है जिसने प्रेसी की आजादी के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो।
इस साल की थीम
हर साल विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की एक थीम होती है और इस साल 2021 की थीम है ‘लोगों के अच्छे के लिए सूचना।’ प्रेस का हमेशा से दायित्व रहा है कि वो हर एक जानकारी को बिल्कुल सटीक और सही तरीके से लोगों तक पहुंचाएं, ताकि लोगों को उस खबर के बारे में उतना ही सच पता चल सके, जितना की वास्तविक रूप से उस खबर में है।
आज का प्रेस बेहद महत्व रखता है
एक समय था जब प्रेस की अहमियत उतनी नहीं हुआ करती थी, जितना आज के समय में है। आज प्रेस और उसके अन्य आधुनिक स्वरूप जिसे मीडिया कहा जाता है की अहमियत बढ़ी है। इंटरनेट की मदद से आज सूचनाएं पलक झपकते ही एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाती हैं। ऐसे में प्रेस की भूमिका बढ़ी है, और महत्व भी।
कलम में बहुत ताकत
एक कहावत है कि तो काम बड़ी-बड़ी तोप, तलवार या गोली नहीं कर सकती, वो काम एक कलम कर सकती है। प्रेस जो काम कर रही है वो बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण है। कई बार इस कलम के आगे बड़े-बड़े धुरंधरों ने भी हार मानी है। किसी सच को बाहर लाने में, किसी घोटाले से जुड़े सच को जनता के सामने रखने में, किसी का पर्दाफाश करने में आदि में प्रेस अहम भूमिका निभाता है और सच को जनता के सामने लाता है।