यूपी की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए निजी व सरकारी अस्पतालों को कुछ शर्तों के साथ छूट प्रदान कर दी। इस बारे में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने एक शासनादेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि निजी कोविड अस्पताल कोविड संक्रमित मरीज अपनी पाजिटिव रिपोर्ट के आधार पर स्वयं भर्ती करवा सकेंगे। इन निजी अस्पतालों को अब तक चली आ रही व्यवस्था यानि इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेण्टर के प्रभारी अधिकारी या मुख्य चिकित्सा अधिकारी के संदर्भ पत्र (रेफरल लेटर) की जरूरत नहीं होगी।
यह अस्पताल मात्र दस प्रतिशत श्रेणीवार बेड्स आरक्षित रखेंगे जिन पर इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेण्टर के जरिये भर्ती करवायी जा सकेगी। निजी अस्पतालों द्वारा भर्ती करने के बाद इसकी सूचना तत्काल उ.प्र.सरकार के पोर्टल पर अंकित की जाएगी। निजी अस्पतालों द्वारा रोजाना सुबह आठ बजे से शाम चार बजे रिक्त बेडों की संख्या श्रेणीवार यानि आईसोलेशन बेड, आक्सीजन बेड, आईसीयू, एच.डी.यू. अस्पताल के बाहर जन सामान्य के लिए विज्ञापित किया जाएगा और इण्टीग्रेटेड कमाण्ड सेण्टर के पोर्टल पर भी अवगत करवाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से इन निजी कोविड अस्पतालों का निरीक्षण किया जाएगा और यह सुनिश्चत किया जाएगा कि इनके द्वारा कोविड प्रोटोकाल का पालन किया जा रहा है, मरीजों का समुचित उपचार किया जा रहा है और निर्धारित दर पर ही फीस ली जा रही है।
मेडिकल कालेजों को भी तीस प्रतिशत बेड पर भर्ती की छूट
इसी क्रम में राजकीय अस्पताल, सरकारी व निजी मेडिकल कालेजों को भी तीस प्रतिशत बेड पर मरीजों की भर्ती आकस्मिकता की स्थिति से निपटने के लिए स्वयं की जा सकेगी। बाकी सत्तर प्रतिशत बेड पर मरीजों की भर्ती इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेण्टर के जरिये की जाएगी। इन अस्पतालों को रोजाना सुबह आठ बजे से शाम बजे उस दिन खाली हुए बेड की संख्या श्रेणीवार अस्पताल के बाहर विज्ञापित करनी होगी और इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेण्टर के पोर्टल पर भी उपलब्ध करवानी होगी। इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेण्टर के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा जारी किये गये एडमिशन स्लिप को सम्बंधित अस्पताल के लिए मानना बाध्यकारी होगा। इसका उल्लंघन उ.प्र.महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत दण्डनीय होगा। कमाण्ड सेण्टर से सभी मरीजों को पहले की ही तरह फोन काल की जाएगी और उनके स्वास्थ्य का मूल्यांकन भी किया जाएगा।
होम आइसोलेशन के मरीजों को मिलती रहेगी सलाह
होम आइसोलेशन के योग्य मरीजों को घर पर रहकर स्वास्थ्य लाभ करने की सलाह दी जाएगी। जिन मरीजों की स्थिति अस्पताल में भर्ती करने योग्य होगी उन्हें यह अवगत करवा दिया जाएगा कि अगर वे निजी कोविड अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं तो इसके लिए कमाण्ड सेण्टर के किसी संदर्भ की जरूरत नहीं होगी और वह स्वयं इन अस्पतालों में सम्पर्क कर अपना एडमिशन करवा सकते हैं।
नि:शुल्क उपचार के अनुरोध की नयी व्यवस्था
जिन मरीजों द्वारा नि:शुल्क चिकित्सा का अनुरोध किया जाएगा उनकी अस्पताल में भर्ती की कार्यवाही कमाण्ड सेण्टर के जरिये की जाएगी। भर्ती के लिए कमाण्ड सेण्टर के डाक्टरों द्वारा मरीज के लक्षणों की जानकारी प्राप्त करके उसकी गम्भीरता का आंकलन करते हुए एल वन, एल टू या एल थ्री के अस्पताल का निश्चय किया जाएगा और उसी के अनुसार अस्पताल का आवंटन किया जाएगा।
जरूरत के अनुसार जिला प्रशासन कुछ स्थानों पर इसके लिए काउंटर भी बना सकता है जहां लोग नि:शुल्क अस्पताल के लिए अपना अनुरोध पत्र दे सकें।
एम्बुलेंस की सुविधा
जिन मरीजों की भर्ती कोविड कमाण्ड सेण्टर के जरिये की जाएगी उन्हें अनिवार्य रूप से एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करवायी जाएगी। निजी अस्पतालां में जाने वाले मरीज अपनी व्यवस्था से अस्पताल जाने के लिए स्वतंत्र होंगे लेकिन अगर किसी मरीज द्वारा इंटीग्रेटेड कोविड सेंटर से एम्बुलेंस की मांग की जाती है तो सम्बंधित निजी अस्पताल में भर्ती करने के पत्र केआधार पर एम्बुलेंस तत्काल उपलब्ध करवायी जाएगी। इसके लिए एक डेडीकेटेड व्हाट्सअप नम्बर भी रखा जाएगा जिस पर कोविड संक्रमित व्यक्ति एम्बुलेंस के लिए अनुरोध और सम्बंधित निजी अस्पताल में भर्ती का पत्र भेज सकेंगे। अनुरोध पत्र का प्रारूप जिला प्रशासन द्वारा बनाया जाएगा और इसे सार्वजनिक किया जाएगा।