कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन और भारत बंद के बीच विपक्ष ने अब राष्ट्रपति के पास जाकर गुहार लगाने का फैसला किया है। इनमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार जैसे नेता शामिल होंगे। यह मुलाकात कल बुधवार शाम पांच बजे होनी है।
सीपीआई (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि कोवड-19 प्रोटोकॉल की वजह से केवल 5 नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात की अनुमति दी गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे।
विपक्षी दलों के नेताओं के बुधवार को कोविंद से मिलेंगे और तीन कृषि कानूनों के बारे में उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराएंगे। जाने की संभावना है। पवार की राकांपा समेत कुछ अन्य दलों ने किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को बुलाए गए ‘भारत बंद का समर्थन किया है।
पवार ने संवाददाताओं से कहा, ”राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले (कृषि कानूनों का विरोध करने वाले) विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बैठक कर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे।” भाजपा ने सोमवार को कहा था कि केंद्र की संप्रग सरकार में बतौर कृषि मंत्री पवार ने राज्यों को एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था और उन्हें आगाह भी किया था कि तीनों सुधार नहीं करने पर केंद्र की तरफ से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी।
राकांपा ने कहा था कि केंद्रीय कृषि मंत्री के तौर पर पवार ने राज्यों के कृषि विपणन बोर्डों के साथ व्यापक सहमति बनाने की कोशिश की और कानून को लागू करने के लिए उनसे सुझाव मांगे। राकांपा ने कहा था, ”एपीएमसी कानून के प्रारूप के अनुसार किसानों को होने वाले फायदे के बारे में उन्होंने (पवार ने) कई राज्य सरकारों को अवगत कराया, जिसे लागू करने पर वे सहमत हुए। कानून के लागू होने से देशभर के किसानों को लाभ हो रहा है। किसानों के हितों की रक्षा के लिए पवार ने इस कानून में कुछ बदलाव किया था।” पवार ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और समझा जाता है कि पुणे जिले में पुरंदर हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण के संबंध में चर्चा हुई।