रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा दिल्ली कैंट में स्थापित सरदार वल्लभभाई कोविड अस्पताल आज दोबारा खोल दिया जाएगा। इस कोविड डेडिकेटेड अस्पताल की शुरुआत 250 बिस्तरों के साथ की जाएगी और कुछ दिनों में इसकी क्षमता 500 बिस्तरों तक बढ़ाई जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि सभी बिस्तरों के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर होगा और उचित संख्या में वेंटिलेटर और अन्य बेसिक मेडिकल सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा यहां एक कैंटीन भी खोली जा रही है, जिसमें मरीज के लिए खाना बनेगा।
ज्ञात हो, फरवरी माह में कोविड के मामले में कमी आई थी, जिसकी वजह से इस अस्पताल को बंद कर दिया गया था।
6-7 दिन में दोबारा बन कर तैयार हुआ अस्पताल
देश में तेजी से बढते कोरोना मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षा मंत्री सभी ने डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल को एक बार फिर से तैयार करने के लिए कहा था। डीआरडीओ की अथक मेहनत की बदौलत यह अस्पताल दोबारा से सिर्फ 6-7 दिन के भीतर शुरू हो गया है।
डीआरडीओ के चेयरमैन सतीश रेड्डी ने कहा, रविवार को हम इस अस्पताल को डॉक्टरों के हवाले कर देंगे और इसके बाद यहां पर मरीजों की भर्ती शुरू कर दी जाएगी। हाल ही में यहां केन्द्रीय गृह सचिव ने भी मुआयना किया है।
मिलेगी हर जरूरी दवाई
डीआरडीओ चीफ डॉ जी सतीश रेड्डी ने कहा, ‘दवाइयों की कमी न हो इसको देखते हुए हमने आउटसोर्स एजेंसीज से पहले ही बात कर ली है और जो भी जरूरी दवाइयां है, इस अस्पताल में बिना किसी रुकावट के उपलब्ध कराई जाएंगी। किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न आए, इन सबका हम ख्याल रखते हुए पहले से ही चल रहे हैं। अभी 1 से 2 दिन 250 बेड की व्यवस्था रहेगी और फिर उसके बाद 500 बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी।
500 आईसीयू बेड की है क्षमता
एक हजार बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में पिछले वर्ष नवम्बर में 250 आईसीयू बेड और जोड़े गए थे, ताकि बड़ी संख्या में मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा सकें। अतिरिक्त आईसीयू बेड को मिलाकर कुल आईसीयू बेड की संख्या इस अस्पताल में 500 की है। यहां मरीजों को कोविड से संबंधित हर तरह की सुविधा मिलेगी। डीआरडीओ ने बताया, अस्पताल पूरी तरह मुफ्त होगा। इसमें किसी भी तरह की सुविधा या इलाज के लिए किसी से एक रुपया तक नहीं लिया जाएगा।
अन्य जगहों पर भी बना रहे हैं कोविड डेडिकेटेड अस्पताल
डीआरडीओ चीफ डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि ”गुजरात में 900 बेड का अस्पताल 24 अप्रैल तक तैयार हो जाएगा। पटना में हॉस्पिटल ऑपरेशल हो चुका है। लखनऊ में भी 500 से 600 बेड का कोविड हॉस्पिटल शुरू किया जा रहा है।”
रेड्डी ने आगे कहा कि ”किसी ने ऐसा सोचा नहीं कि हालात इतने खराब हो जाएंगे। डीआरडीओ मास्क, सेनेटाइजर और टेस्टिंग किट की तकनीक इंडस्ट्री को दे रहा है। कोविड से लड़ने के लिए हमें हॉस्पिटल में बेड और ऑक्सीजन बड़ी मात्रा में चाहिए। डीआरडीओ इसके लिए जी-जान से जुटा है। अगले तीन-चार दिन में बाकी सब तैयारी हो जाएंगी। देश में 50,000 वेंटिलेटर हैं, जरूरत होगी तो और भी बन जाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि ”डीआरडीओ राज्य सरकारों की भी मदद कर रहा है। वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट, टेस्टिंग किट की तकनीक इंडस्ट्री को मुहैया करवा रहा है। सैनिटाइजेशन का काम भी डीआरडीओ बड़े स्तर पर लगातार कर रहा है। कोविड के दौरान डीआरडीओ लैब में क्वारंटाइन सेंटर भी बनाया गया है। देश पर किसी भी आपदा में सेना हमेशा आगे रही है।”