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Monday, June 30, 2025

गुजरात : एम्बुलेंस से नहीं लाया तो अस्पताल वालो ने लौटा दिया ,ऑक्सीजन स्तर कम होने के चलते प्रोफेसर इंद्राणी की मौत

कोरोना वायरस की दूसरी ने लहर ने हेल्थ केयर सिस्टम की कमर तोड़ कर रख दी है। कई अस्पताल आईसीयू, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन और बेडों की कमी से जूझ रहे हैं। मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे जिससे लोगों की मौत हो रही है। गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ नैनोसाइंस की डीन, प्रोफेसर इंद्राणी बनर्जी को भी दो दिनों से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उनके छात्रों और सहकर्मियों ने उन्हें एक कोविड अस्पताल पहुंचाया। लेकिन अस्पताल ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। अस्पताल ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि उन्हें एम्बुलेंस में नहीं लाया गया है।

शुक्रवार शाम को इंद्राणी बनर्जी जीने के लिए संघर्ष कर रही थीं और उन्हें सांस फूलने की शिकायत थी। उनके छात्रों ने कहा कि शुक्रवार को उनका ऑक्सीजन स्तर 90-92% के आसपास था। शुक्रवार को उन्हें गांधीनगर के एक सरकारी अस्पताल में ले गए, अस्पताल पूरी क्षमता से भरा हुआ पाया गया। इंद्राणी बनर्जी ने अपने सहयोगियों से गांधीनगर के एक निजी अस्पताल में ले जाने का अनुरोध किया।

इस निजी अस्पताल ने भी कहा कि यहां BiPAP ऑक्सीजन सांद्रता और वेंटिलेटर की कमी थी, जिसकी इंद्राणी बनर्जी को जल्द ही आवश्यकता पड़ने वाली थी। बाद में शनिवार को छात्रों प्रोफेसर को अपने निजी वाहन में अहमदबाद नगर निगम (एएमसी) कोविड अस्पताल ले गए, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए उन्हें भर्ती नहीं किया कि उन्हें एम्बुलेंस में नहीं लाया गया था।

इसके बाद उन्हें फिर से गांधीनगर अस्पताल लाया गया। इस समय तक उनके ऑक्सीजन का स्तर 60% के पर था, उनके सहयोगियों ने यग जानकारी दी। 2 बजे तक, गांधीनगर अस्पताल ने इंद्राणी बनर्जी के लिए एक BiPAP ऑक्सीजन मशीन का प्रबंधन किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रविवार को उसके साथी शव को दाह संस्कार के लिए ले गए।

इंद्राणी बनर्जी फिजिक्स में पीएचडी थीं और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई और पुणे विश्वविद्यालय में एक फेलो थीं। वह कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग में एक विजिटिंग वैज्ञानिक भी रही हैं

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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