नई दिल्ली, 13 सितंबर 2025: भारत ने अपने महत्वाकांक्षी 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट प्रोग्राम AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के लिए फ्रांस के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक डील को अंतिम रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस साझेदारी के तहत भारत और फ्रांस की कंपनी सैफरन (Safran) मिलकर 120 KN क्षमता का शक्तिशाली जेट इंजन विकसित करेंगे, जो भारतीय वायुसेना को आसमान में नई ताकत देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से स्वदेशी जेट इंजन के विकास का आह्वान किया था। इस दिशा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी स्वदेशी फाइटर जेट इंजन के निर्माण पर जोर दिया था। अब भारत की गैस टरबाइन रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट (GTRE) और सैफरन संयुक्त रूप से 12 सालों में 9 प्रोटोटाइप इंजन विकसित करेंगे। शुरुआत में 120 KN क्षमता वाले इंजन बनाए जाएंगे, जिन्हें बाद में 140 KN तक अपग्रेड किया जाएगा।
इस डील की खासियत यह है कि सैफरन भारत को 100% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगी, और सभी इंजन स्वदेशी रूप से भारत में ही बनाए जाएंगे। इन इंजनों के बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) भी भारत के पास रहेंगे। इस परियोजना का अनुमानित खर्च 7 अरब डॉलर है, जिसमें निजी क्षेत्र की कंपनियां जैसे टाटा ग्रुप, लार्सन एंड टुब्रो और अडानी डिफेंस भी योगदान देंगी।
AMCA एक मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट होगा, जिसमें दो इंजन होंगे। यह प्रोजेक्ट रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी छलांग माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह डील न केवल भारतीय वायुसेना को सशक्त बनाएगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी क्षमता को भी प्रदर्शित करेगी।
गौरतलब है कि आज की तारीख में केवल अमेरिका, रूस, यूके और फ्रांस के पास ही अत्याधुनिक फाइटर जेट इंजन बनाने की क्षमता है। चीन अभी भी रूसी या रिवर्स-इंजीनियर्ड इंजनों पर निर्भर है। ऐसे में भारत की यह उपलब्धि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी भारत को न केवल तकनीकी रूप से मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक रक्षा उद्योग में एक नया अध्याय भी जोड़ेगी। AMCA के इस ‘हाइपर पावर’ इंजन से लैस होने के बाद यह आसमान का नया बादशाह बन सकता है।