अनुसूचित जाति (एससी) के बच्चों को पढ़ाई के लिए मिलने वाली छात्रवृत्ति में अब देर नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इसे लेकर एक नई व्यवस्था को मंजूरी दी है। इस वयवस्था में आवेदन करने के बाद तय समयसीमा में केंद्र और राज्य दोनों ही अपने-अपने हिस्से की राशि सीधे छात्रों के खाते में भेज देंगे। इस नई व्यवस्था में राज्यों को पहले अपना हिस्सा देना होगा।
नए फंडिंग पैटर्न के तहत आवंटित होगी राशि
यह हिस्सा भी नए फंडिंग पैटर्न के तहत निर्धारित किया गया है, जिसमें पहाड़ी क्षेत्र वाले राज्यों को 10 फीसद राशि देनी होगी, जबकि मैदानी क्षेत्र के राज्यों को 40 फीसद राशि देनी होगी।।बाकी राशि केंद्र देगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम में किए गए इस बदलाव के बारे में मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से छात्रवृत्ति को लेकर होने वाला इंतजार खत्म होगा।
आवेदन के लिए चार चरण तय
मंत्रालय ने छात्रवृत्ति भुगतान की जो समय-सीमा तय की है, उसके तहत आवेदन के लिए चार चरण तय किए गए हैं। छात्र किसी भी चरण में आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के औसतन 75 दिन में राज्य और नब्बे दिन में केंद्र की ओर से राशि छात्रों के खाते में जमा कर दी जाएगी। हर चरण के आवेदनों के लिए केंद्र और राज्यों की ओर से किए जाने वाले भुगतान की तारीखें भी तय कर दी हैं।
यह है समय सीमा
यानी कोई छात्र अप्रैल से जुलाई के बीच आवेदन करता है, तो राज्य उसके हिस्से की राशि पंद्रह अगस्त को और केंद्र 30 अगस्त को अपने हिस्से की राशि जारी कर देगा।
पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में बड़ा बदलाव
इसी तरह यदि कोई छात्र एक दिसंबर से 31 जनवरी के बीच आवेदन करता है, तो राज्य अपने हिस्से की राशि 28 फरवरी को और केंद्र अपने हिस्से की राशि 15 मार्च तक छात्र के खाते में भेज देगा। एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में यह बड़ा बदलाव ऐसे समय किया गया है जब गड़बडि़यों की काफी शिकायतें आ रही हैं। छात्रों को समय पर यह राशि नहीं मिल पा रही थी। जिसके चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।