नई दिल्ली, 17 अगस्त 2025: रविवार को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। पार्टी ने आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों का कोई सार्थक जवाब नहीं दिया। कांग्रेस ने आयोग के इस दावे को भी ‘हास्यास्पद’ करार दिया कि वह सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच भेदभाव नहीं करता।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को ‘नए’ चुनाव आयोग का पहला प्रत्यक्ष संवाद बताया, जो अब तक केवल सूत्रों के जरिए अपनी बात रखता रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आयोग सुप्रीम कोर्ट के 14 अगस्त के बिहार एसआईआर प्रक्रिया से संबंधित आदेश को पूरी तरह लागू करेगा। रमेश ने शनिवार को जारी आयोग के प्रेस नोट की भी आलोचना की, जिसमें मतदाता सूची में सुधार की जिम्मेदारी राजनीतिक दलों और व्यक्तियों पर डालने की कोशिश की गई थी। इस नोट की विपक्षी दलों और जनता ने कड़ी निंदा की थी।
राहुल गांधी को 7 दिन का अल्टीमेटम
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को 7 दिन का समय देते हुए कहा है कि यदि वे अपने दावों के समर्थन में हलफनामा दाखिल नहीं करते, तो इन्हें निराधार और अमान्य माना जाएगा। आयोग ने दोहरे मतदान और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि जो कोई मतदाताओं को गुमराह कर रहा है, उसे माफी मांगनी होगी।
कांग्रेस ने आयोग की इस कार्रवाई को एकतरफा करार देते हुए कहा कि मतदाता सूची की खामियों और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उनके सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। पार्टी ने मांग की है कि आयोग जनता के सामने तथ्यों के साथ अपनी स्थिति स्पष्ट करे।