नई दिल्ली, 17 अगस्त 2025: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी’ के आरोपों और बिहार में शुरू की गई ‘वोट अधिकार यात्रा’ के बीच चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी है, और किसी भी राजनीतिक दल के साथ भेदभाव नहीं करता।
‘सभी मतदाता बराबर’
ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है- 18 वर्ष से अधिक आयु का हर भारतीय नागरिक मतदाता बने और अपने मताधिकार का उपयोग करे। चुनाव आयोग सभी के लिए समान है।”
SIR की प्रक्रिया पर सफाई
विपक्ष द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए सीईसी ने कहा कि पिछले दो दशकों से सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में सुधार की मांग करते रहे हैं। इसी के तहत बिहार में एसआईआर शुरू किया गया है। उन्होंने बताया, “इस प्रक्रिया में 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) और सभी दलों के प्रतिनिधियों ने मिलकर मसौदा मतदाता सूची तैयार की है।”
राहुल गांधी पर निशाना, बिना नाम लिए साधा
राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर बिना नाम लिए तंज कसते हुए ज्ञानेश कुमार ने कहा, “कुछ लोग मतदाताओं की तस्वीरें बिना अनुमति के मीडिया में दिखा रहे हैं। क्या हमें मतदाताओं, उनकी माताओं-बेटियों के सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने चाहिए?” उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में एक करोड़ से अधिक कर्मचारी, 10 लाख बूथ लेवल एजेंट्स और 20 लाख पोलिंग एजेंट्स की मौजूदगी में पारदर्शी प्रक्रिया में ‘वोट चोरी’ असंभव है।
‘आरोप बेबुनियाद, मतदाताओं को डराने की कोशिश’
सीईसी ने दोहरे मतदान के आरोपों को मिथ्या करार देते हुए कहा कि सबूत मांगने पर कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने दोहराया, “चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर मतदाताओं को निशाना बनाने की राजनीति हो रही है। हम सभी मतदाताओं- गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला, युवा और सभी धर्मों के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं।”
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि वह निष्पक्षता और निडरता के साथ मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करता रहेगा।