नई दिल्ली, 09 अगस्त 2025: दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस बिल 2025 को मंजूरी दे दी गई। इस बिल को लेकर सदन में करीब चार घंटे तक चली तीखी बहस के बाद बीजेपी के 41 विधायकों ने इसके पक्ष में वोट दिया, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के 17 विधायकों ने विरोध जताया।
निजी स्कूलों की मनमानी और लूट पर लगेगी रोक
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बिल पास होने के बाद कहा, “अब निजी स्कूलों की मनमानी और अभिभावकों की लूट बंद होगी। बच्चों को लाइब्रेरी में बंद करने या फीस के लिए दबाव बनाने जैसे कदमों पर सख्ती से रोक लगेगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
क्या कहती है मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता?
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में इस बिल को शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा, “यह विधेयक न केवल स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाएगा, बल्कि शिक्षा में न्याय और विश्वास की नई नींव रखेगा।” उन्होंने कहा कि यह कानून दिल्ली के लाखों अभिभावकों को राहत देगा और शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाएगा।
क्या हैं बिल के प्रमुख प्रावधान?
- फीस वृद्धि पर सख्ती: कोई भी निजी स्कूल बिना अनुमति फीस नहीं बढ़ा सकेगा। स्कूलों को अपनी सुविधाओं, खर्चों और शिक्षण स्तर की जानकारी देनी होगी।
- जुर्माना और सजा: बिना अनुमति फीस बढ़ाने पर 1 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। बार-बार उल्लंघन पर स्कूल की मान्यता रद्द हो सकती है।
- वसूली पर दंड: समय पर अतिरिक्त वसूली वापस न करने पर जुर्माना दोगुना होगा।
- सरकार का हस्तक्षेप: जरूरत पड़ने पर सरकार स्वयं स्कूल का संचालन कर सकती है।
- त्रिस्तरीय नियामक प्रणाली: स्कूल, जिला और राज्य स्तर पर समितियां बनेंगी, जिनमें अभिभावकों, शिक्षकों और अधिकारियों को प्रतिनिधित्व मिलेगा।
- अभिभावकों को वीटो पावर: फीस वृद्धि के लिए अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी।
सख्त ऑडिट और पारदर्शिता
शिक्षा मंत्री ने बताया कि बिल में स्कूलों के खातों की सख्त ऑडिट व्यवस्था लागू की गई है। अभिभावकों को फीस वृद्धि के प्रस्ताव पर वीटो करने का अधिकार होगा, जिससे उनकी आवाज को ताकत मिलेगी।
विपक्ष का विरोध, सरकार का जवाब
AAP ने बिल को स्कूलों पर अनावश्यक दबाव बनाने वाला करार दिया, लेकिन बीजेपी ने इसे अभिभावकों के हित में बताया। सीएम रेखा ने कहा, “यह बिल शिक्षा में भ्रष्टाचार पर प्रहार करेगा और दिल्ली की जनता का भरोसा जीतेगा।”
यह नया कानून दिल्ली के लाखों अभिभावकों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो लंबे समय से निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि से परेशान थे। अब देखना होगा कि यह कानून लागू होने के बाद शिक्षा व्यवस्था में कितना बदलाव आता है।