उत्तरकाशी, 8 अगस्त 2025: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में 5 अगस्त को सुबह बादल फटने की घटना ने भयंकर तबाही मचाई, जिसने पूरे गांव को मलबे और पानी के तेज बहाव में तब्दील कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा ने गांव का नामोनिशान मिटा दिया, कई घर और दुकानें बह गईं, और अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग लापता हैं।

ड्रोन वीडियो में दिखा तबाही का मंजर
हाल ही में सामने आए एक ड्रोन वीडियो ने धराली गांव की भयावह स्थिति को उजागर किया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि गांव मलबे के ढेर में बदल चुका है। सड़कें, घर और दुकानें पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, और चारों ओर सिर्फ तबाही का आलम है।

‘ऑपरेशन जिंदगी’ के तहत राहत कार्य तेज
राहत और बचाव कार्यों में सेना, ITBP, NDRF और SDRF की टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। अब तक 274 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जिनमें गंगोत्री धाम के तीर्थयात्री भी शामिल हैं। गंगोत्री धाम के रास्ते पर फंसे लोगों को वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए निकाला गया। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया कि गंगोत्री धाम के नजदीक होने के कारण धराली तीर्थयात्रियों का प्रमुख पड़ाव है, जहां कई यात्री फंस गए थे।

मौसम बना चुनौती, प्रशासन अलर्ट
भारी बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में बाधित रास्तों के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। फिर भी, टीमें ‘ऑपरेशन जिंदगी’ के तहत लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री और राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सांसदों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। सांसद अनिल बलूनी ने इस मुलाकात की तस्वीरें एक्स पर साझा कीं।

आसपास के इलाकों में दहशत
उत्तरकाशी के चकराता और त्यूणी जैसे नजदीकी क्षेत्रों में भी लोग दहशत में हैं। त्यूणी में 2019 में भी ऐसी ही आपदा ने भारी नुकसान पहुंचाया था। ग्राउंड से सामने आई तस्वीरें इस आपदा की भयावहता को दर्शाती हैं।

आगे की राह
राहत टीमें लापता लोगों को सुरक्षित निकालने और प्रभावित क्षेत्रों में जीवन सामान्य करने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। प्रशासन का कहना है कि मौसम की चुनौतियों के बावजूद जल्द से जल्द राहत कार्य पूरे किए जाएंगे। इस बीच, पूरे प्रदेश में प्रशासन हाई अलर्ट पर है, ताकि ऐसी किसी और घटना से बचा जा सके।