वाराणसी, 4 अगस्त 2025: सावन के अंतिम सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर में जलाभिषेक के लिए कूच कर रहे शिवसैनिकों (एकनाथ शिंदे गुट) को पुलिस ने गोदौलिया चौराहे पर रोक लिया, जिसके बाद शहर में हड़कंप मच गया। शिवसेना नेता अजय चौबे के नेतृत्व में 50 से अधिक शिवसैनिकों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जब वे दशाश्वमेध घाट से जल लेकर मां श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान शिवसैनिकों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसने माहौल को और गर्म कर दिया।
सावन के इस पवित्र दिन पर हर साल की तरह शिवसैनिकों ने दशाश्वमेध घाट से जल लेकर गोदौलिया चौराहे पर एकत्रित होकर श्रृंगार गौरी मंदिर की ओर कूच किया। लेकिन ज्ञानवापी परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने रस्सी बांधकर उनका रास्ता रोक दिया। एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी और थाना प्रभारी विजय कुमार शुक्ला के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौके पर तैनात था। शिवसैनिकों के जोरदार विरोध और नारेबाजी के बावजूद पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया और सभी को हिरासत में ले लिया। हालांकि, शाम को निजी मुचलके पर सभी को रिहा कर दिया गया।
ज्ञानवापी परिसर में चल रहे कानूनी विवाद के कारण हर साल सावन के अंतिम सोमवार को शिवसैनिकों को मां श्रृंगार गौरी के दर्शन और जलाभिषेक से वंचित होना पड़ता है। इस बार भी सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे शिवसैनिकों में भारी नाराजगी देखी गई। यह घटना एक बार फिर काशी में धार्मिक भावनाओं और सुरक्षा व्यवस्था के बीच टकराव को उजागर करती है।