नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: संसद के मानसून सत्र के बीच रविवार को दिल्ली के सत्ता गलियारों में हलचल तेज हो गई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चार घंटे के अंतराल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अलग-अलग मुलाकात की। इन मुलाकातों ने राजनीतिक हलकों में सवालों का तूफान खड़ा कर दिया है। क्या सरकार कोई बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है?
क्यों खास है यह मुलाकात?
संसद सत्र के दौरान आमतौर पर ऐसी मुलाकातें तब होती हैं, जब कोई बड़ा नीतिगत या संवैधानिक कदम उठाया जाना हो। पीएम मोदी की सुबह की मुलाकात के बाद अमित शाह का राष्ट्रपति भवन पहुंचना इस बात का संकेत है कि सरकार किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह मुलाकातें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव, यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC), या ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ जैसे विधेयकों से जुड़ी हो सकती हैं।
कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट पर भी नजर
हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ की खबरों के बीच गृह मंत्रालय एक्शन मोड में है। माना जा रहा है कि पीएम और शाह ने राष्ट्रपति को इन मुद्दों पर ताजा स्थिति से अवगत कराया हो। इसके अलावा, किसी संवेदनशील अध्यादेश या अहम नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा की संभावना जताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर अटकलों का बाजार गर्म
सोशल मीडिया पर 5 अगस्त की तारीख को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। कुछ यूजर्स का मानना है कि सरकार UCC या कोई नया अध्यादेश ला सकती है, जबकि अन्य उपराष्ट्रपति पद को लेकर सियासी हलचल की बात कर रहे हैं। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, “5 अगस्त को कुछ बड़ा होने वाला है, नजर रखिए!”
क्या कह रही है सरकार?
फिलहाल, सरकार या राष्ट्रपति भवन की ओर से इन मुलाकातों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन संसद सत्र के बीच इस तरह की हाई-प्रोफाइल मुलाकातों ने सियासी माहौल को गरमा दिया है। सभी की निगाहें अब 5 अगस्त पर टिकी हैं, जब यह साफ हो सकता है कि आखिर सरकार का अगला कदम क्या होगा।
क्या यह मुलाकातें एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत हैं, या फिर यह महज औपचारिक दौरा है? जवाब के लिए कुछ और समय इंतजार करना होगा।