लखनऊ, 4 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग, जिनका पूरा जीवन विवादों से भरा है, वे पूज्य संतों को विवादित करने का प्रयास कर रहे हैं। यह बयान प्रेमानंद जी महाराज के हालिया वायरल वीडियो को लेकर उपजे विवाद के संदर्भ में आया है, जिसमें उन्होंने युवाओं के आधुनिक रिश्तों और नैतिकता पर टिप्पणी की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “सनातन धर्म के संत समाज को दिशा दिखाने का काम करते हैं। प्रेमानंद जी महाराज जैसे संत समाज में नैतिकता और संस्कारों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग, जिनका जीवन स्वयं विवादों से भरा है, वे इन पूज्य संतों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसे प्रयास सनातन धर्म और समाज की एकता को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा हैं।
प्रेमानंद जी महाराज का विवादित बयान और धमकी का मामला
प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था, “आज के समय में 100 में से मुश्किल से दो-चार लड़कियां ही पवित्र होती हैं, बाकी सभी बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में पड़ी हुई हैं।” इस बयान ने व्यापक बहस छेड़ दी थी। कुछ लोगों ने इसे महिलाओं के प्रति अपमानजनक बताया, जबकि संत समाज के कुछ लोगों, जैसे हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि यह समाज को आईना दिखाने का प्रयास है।
इसके बाद, मध्य प्रदेश के सतना निवासी एक युवक, शत्रुघ्न सिंह, ने फेसबुक पर प्रेमानंद जी महाराज को “गला काटने” की धमकी दी, जिसके बाद संत समाज में आक्रोश फैल गया। मथुरा के धर्माचार्यों और श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी बाबा ने इस धमकी की कड़ी निंदा की और सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की।
CM योगी का संतों के प्रति समर्थन
मुख्यमंत्री योगी ने इस घटना का हवाला देते हुए कहा कि सनातन धर्म के संतों ने हमेशा समाज को दिशा दी है और विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखा है। उन्होंने हाल ही में प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संतों के धैर्य की सराहना की थी, जहां कुछ लोग सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश में थे। योगी ने कहा, “सनातन धर्म ही मानव धर्म है, और इसके संत समाज के अभिभावक हैं। इनका अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
संत समाज का रुख और जनता की प्रतिक्रिया
संत प्रेमानंद जी महाराज के बयान को लेकर जहां कुछ संतों ने उनका समर्थन किया है, वहीं कुछ ने इसे अनुचित बताया है। मथुरा के संत समुदाय में इस मुद्दे पर मतभेद देखने को मिले हैं। दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर जनता के बीच भी इस बयान को लेकर बहस जारी है। कुछ लोग इसे सामाजिक मूल्यों को बचाने की कोशिश मानते हैं, जबकि अन्य इसे आधुनिक समाज के खिलाफ टिप्पणी के रूप में देख रहे हैं।