वाराणसी, 2 अगस्त 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा कर गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से उत्पन्न बाढ़ संकट का जायजा लिया। उन्होंने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी के साथ बैठक कर बाढ़ से निपटने की तैयारियों की गहन समीक्षा की और राहत व बचाव कार्यों की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता त्वरित और प्रभावी ढंग से मुहैया कराई जाए, ताकि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को असुविधा न हो।
गंगा का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन अलर्ट
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर शुक्रवार को 70.28 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी स्तर 70.262 मीटर से अधिक है। नदी का जलस्तर प्रति घंटे करीब 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि यह रफ्तार बनी रही, तो जलस्तर जल्द ही खतरे के निशान 71.262 मीटर के करीब पहुंच सकता है। उच्च बाढ़ स्तर 73.901 मीटर है।
मध्य प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने वाराणसी में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। शहर के निचले इलाकों में पानी घुसने से स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को हाई अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
प्रशासन की मुस्तैदी, PM का मार्गदर्शन
प्रधानमंत्री के दौरे ने स्थानीय प्रशासन में नई ऊर्जा का संचार किया है। उनके निर्देशों के बाद राहत और बचाव कार्यों में और तेजी लाने की तैयारी है। स्थानीय लोग और प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और आवश्यक सुविधाएं पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।
वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर पर प्रशासन की पैनी नजर है, और पीएम मोदी के दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार इस संकट में काशीवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।