कोच्चि, 2 अगस्त 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोच्चि क्षेत्रीय कार्यालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के उल्लंघन के संदेह में केरल के कासरगोड में दो स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई कुन्हाहमद मुसलियार मेमोरियल ट्रस्ट, एक धर्मार्थ संगठन, और इसके अध्यक्ष इब्राहिम अहमद अली, जो एक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) हैं, के खिलाफ की गई।
जांच में खुलासा हुआ कि ट्रस्ट को 2021 से अब तक इब्राहिम अहमद अली के माध्यम से 220 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई, जिसे खातों में असुरक्षित ऋण के रूप में दर्शाया गया। हालांकि, इस राशि के लिए कोई ऋण समझौता, ब्याज दर या पुनर्भुगतान अनुसूची उपलब्ध नहीं है, और अब तक कोई पुनर्भुगतान भी नहीं हुआ। यह धनराशि यूएई की कंपनी मेसर्स यूनिवर्सल लुब्रिकेंट्स एलएलसी से प्राप्त की गई थी। सहायक दस्तावेजों के अभाव में यह राशि प्रथम दृष्टया विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के तहत विदेशी अंशदान के रूप में मानी जा रही है।
ट्रस्ट एफसीआरए के तहत पंजीकृत नहीं है और न ही इसके पास विदेशी अंशदान प्राप्त करने के लिए अनिवार्य अनुमति या निर्दिष्ट बैंक खाता है। जांच में यह भी सामने आया कि इस राशि का एक हिस्सा नियमों का उल्लंघन करते हुए भारत में कृषि भूमि की खरीद के लिए उपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त, ट्रस्ट ने इब्राहिम अहमद अली से 2.49 करोड़ रुपये नकद प्राप्त किए, जो फेमा, 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
तलाशी के दौरान ईडी ने आपत्तिजनक दस्तावेज, 220 करोड़ रुपये के असुरक्षित ऋण से संबंधित बही खाते, ट्रस्ट की कैश बुक और वित्तीय डेटा वाली एक हार्ड डिस्क जब्त की।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच से फेमा, 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन के स्पष्ट संकेत मिले हैं। मामले में आगे की जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में कड़ी कार्रवाई के मूड में है और नियमों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे।