फिरोजाबाद, 27 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक ऐसी दिल दहलाने वाली वारदात ने सबको हैरान कर दिया, जो मेरठ के कुख्यात ‘मुस्कान कांड’ की याद दिलाती है। यहां एक महिला, शशि, ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतार दिया। इस साजिश को इतनी चालाकी से अंजाम दिया गया कि इसे सामान्य मौत का रूप दे दिया गया। लेकिन मृतक की मां की सतर्कता ने इस काले सच को उजागर कर दिया, और अब दोनों आरोपी सलाखों के पीछे हैं।
साजिश की शुरुआत: प्यार या पागलपन?
फिरोजाबाद के टूंडला थाना क्षेत्र में रहने वाले सुनील की 14 मई को रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिवार ने इसे स्वाभाविक मानकर अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन सुनील की मां को अपनी बहू शशि के व्यवहार में कुछ गड़बड़ लगा। शशि की हरकतों पर शक होने पर उन्होंने टूंडला थाने में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत ने पूरे मामले को उलट-पुलट कर रख दिया।
पुलिस की जांच और सनसनीखेज खुलासा
पुलिस अधीक्षक रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस ने जांच शुरू की। शशि की गतिविधियों पर नजर रखने के बाद उसे हिरासत में लिया गया। सख्त पूछताछ में शशि टूट गई और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह गांव के ही यादवेंद्र के साथ प्रेम-संबंध में थी और सुनील को अपने रास्ते का कांटा मानती थी। दोनों ने मिलकर सुनील को रास्ते से हटाने की ठान ली।
जहर का जाल: दो बार रची हत्या की साजिश
शशि और यादवेंद्र ने सुनील की हत्या के लिए जहर को हथियार बनाया। 13 मई की शाम को शशि ने खिचड़ी में जहर मिलाकर सुनील को खिला दिया। जहर का असर हुआ, और सुनील की हालत बिगड़ गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के बाद वह ठीक हो गया। लेकिन शशि ने हार नहीं मानी। अगले दिन, 14 मई को, उसने दही में फिर से जहर मिलाकर सुनील को दे दिया। इस बार सुनील की किस्मत ने साथ नहीं दिया, और जहर के असर ने उसकी जिंदगी छीन ली।
सजा का रास्ता: सलाखों के पीछे साजिशकर्ता
पुलिस ने शशि और यादवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। हत्या में इस्तेमाल की गई जहर की पुड़िया भी बरामद कर ली गई। दोनों अब जेल की सलाखों के पीछे हैं, लेकिन इस वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया।
एक सबक: विश्वासघात की सजा
यह घटना न केवल एक क्रूर साजिश की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाती है कि लालच और विश्वासघात का रास्ता कितना खतरनाक हो सकता है। सुनील की मां की सतर्कता ने न सिर्फ हत्यारों को बेनकाब किया, बल्कि यह भी साबित किया कि सच को ज्यादा देर तक छिपाया नहीं जा सकता। फिरोजाबाद का यह कांड लंबे समय तक लोगों के जेहन में एक खौफनाक कहानी के रूप में गूंजता रहेगा।