वाराणसीज़ 27 जुलाई 2025: रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों से घिरे इंस्पेक्टर भरत उपाध्याय को डायल 112 का प्रभारी बनाए जाने पर वाराणसी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। मंडुवाडीह थाने में तैनाती के दौरान ₹35,000 की रिश्वत लेने के आरोप में लाइन हाजिर किए गए उपाध्याय की नई नियुक्ति ने विवाद को जन्म दे दिया है।
पूर्व IPS और आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताते हुए पुलिस कमिश्नर वाराणसी को पत्र लिखकर उपाध्याय से प्रभारी का चार्ज वापस लेने और भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच की मांग की है। ठाकुर ने आरोप लगाया कि लहरतारा निवासी आकाश उर्फ गोलू गुप्ता की शिकायत, जिसमें उपाध्याय पर ₹50,000 की मांग और ₹35,000 लेने का आरोप था, की कोई ठोस जांच नहीं हुई। इस मामले में मंडुवाडीह थाने के एक सिपाही और दरोगा को एंटी करप्शन टीम पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

ठाकुर ने पत्र में कहा कि पुलिस कमिश्नर ने मामले को दबाने के लिए उपाध्याय को केवल औपचारिक रूप से लाइन हाजिर किया और अब उन्हें डायल 112 जैसे अहम यूनिट का प्रभारी बनाकर “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” की नीति को ताक पर रखा गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि 15 दिनों में कार्रवाई नहीं होने पर वे इस मुद्दे को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे।
यह मामला पुलिस महकमे में चर्चा का केंद्र बन गया है। अब सबकी नजर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के अगले कदम पर टिकी है कि वे इस विवादास्पद नियुक्ति पर क्या फैसला लेते हैं।