खगड़िया, 26 जुलाई 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को बड़ा झटका लगा है। खगड़िया जिले में पार्टी के 38 नेताओं ने पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव के नेतृत्व में सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इस घटना ने पार्टी में हलचल मचा दी है और स्थानीय राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना जताई जा रही है।
शिवराज यादव के आरोप
शिवराज यादव ने खगड़िया सांसद राजेश वर्मा पर गाली-गलौज और कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया। एक प्रेस वार्ता में शिवराज ने कहा, “पार्टी में कार्यकर्ताओं की अनदेखी और अपमान असहनीय हो गया था। सांसद राजेश वर्मा के व्यवहार के कारण हमारी पूरी टीम ने यह कदम उठाया।” शिवराज ने बताया कि उन्हें प्रदेश महासचिव बनाए जाने के ठीक एक दिन बाद ही उन्होंने और उनकी 38 सदस्यीय टीम ने पार्टी छोड़ दी। उनके साथ कई ऐसे कार्यकर्ता भी थे, जो पहले से ही सोशल मीडिया पर सांसद के खिलाफ विरोध जता रहे थे।
सांसद राजेश वर्मा का जवाब
सांसद राजेश वर्मा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, “मैं खगड़िया की जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि हूं और उनके हितों के लिए समर्पित हूं। संगठन में बदलाव का फैसला राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व का है, जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।” वर्मा ने दावा किया कि LJP (रामविलास) पहले से कहीं अधिक मजबूत होकर उभरेगी और आगामी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
पार्टी में तनाव की पृष्ठभूमि
सूत्रों के अनुसार, शिवराज यादव और उनकी टीम लंबे समय से सोशल मीडिया पर पार्टी और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ पोस्ट कर रहे थे। 19 जुलाई को हुई एक समीक्षा बैठक में कई कार्यकर्ताओं ने शिवराज की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। इसके बाद, प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें हटाकर मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को खगड़िया का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया। इस बदलाव को शिवराज और उनके समर्थकों ने व्यक्तिगत अपमान के रूप में लिया, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
आगे की राह
इस सामूहिक इस्तीफे ने LJP (रामविलास) के लिए बिहार चुनाव से पहले चुनौतियां बढ़ा दी हैं। खगड़िया में पार्टी की स्थिति और चिराग पासवान की रणनीति पर सभी की नजरें टिकी हैं। क्या यह घटना पार्टी के लिए अस्थायी झटका है या दीर्घकालिक नुकसान का कारण बनेगी, यह आने वाला समय बताएगा।