वाराणसी, 25 जुलाई 2025: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने एक सनसनीखेज साइबर धोखाधड़ी की आशंका को लेकर तत्काल चेतावनी जारी की है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, प्रभारी कुलपति प्रो. संजय कुमार के नाम और तस्वीर का दुरुपयोग कर असामाजिक तत्व फर्जी व्हाट्सएप मैसेज भेज रहे हैं। इन मैसेजों के जरिए छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और आम लोगों को निशाना बनाकर वित्तीय ठगी या संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही है।
साइबर ठगों की सुनियोजित साजिश
BHU प्रशासन ने इसे एक सुनियोजित साइबर अपराध करार देते हुए कहा कि ठग विश्वविद्यालय की साख का गलत इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। इन फर्जी संदेशों में प्राप्तकर्ताओं से व्यक्तिगत जानकारी या धन की मांग की जा सकती है। विश्वविद्यालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है।
विश्वविद्यालय की अपील: सतर्क रहें, सत्यापन करें
BHU ने अपने समुदाय और आम जनता से सतर्कता बरतने की अपील की है। प्रशासन ने निम्नलिखित दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- अनजान नंबरों से आने वाले संदेशों पर भरोसा न करें, खासकर यदि उनमें किसी वरिष्ठ अधिकारी का नाम या फोटो हो।
- संदिग्ध मैसेज को तुरंत ब्लॉक करें और स्थानीय साइबर क्राइम शाखा में शिकायत दर्ज करें।
- यदि कोई मैसेज परिचित अधिकारी के नाम से आए, तो प्रत्यक्ष संपर्क कर सत्यापन करें।
विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने की कोशिश
BHU के जनसंपर्क कार्यालय (PRO) ने बयान जारी कर कहा, “यह साइबर ठगी का सुनियोजित प्रयास है, जिसका मकसद विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और लोगों को ठगना है।” प्रशासन ने आश्वासन दिया कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
जागरूकता ही बचाव
BHU ने सभी से डिजिटल ठगी के प्रति जागरूक रहने और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत प्रशासन या साइबर क्राइम सेल को देने का आग्रह किया है। विश्वविद्यालय ने कहा, “सतर्कता और जागरूकता ही इस तरह की ठगी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है।”