वाराणसी, 20 जुलाई 2025: काशी की पावन धरती पर प्रशासन ने एक बार फिर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। कैंट क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक शाही मजार के बगल में बने अवैध निर्माणों पर रविवार को बुलडोजर गरजा। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मजार के मूल ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया, केवल अनधिकृत पक्के निर्माणों को ही हटाया गया।
नोटिस के बाद भी नहीं माने, कार्रवाई थी जरूरी
वाराणसी के डीएम सत्येंद्र कुमार के मुताबिक, मजार परिसर में बिना अनुमति के कई पक्के निर्माण किए गए थे, जिन्हें हटाने के लिए पहले ही नोटिस जारी किया गया था। समयसीमा खत्म होने के बाद भी अतिक्रमण हटाने में असहयोग के चलते प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ा। अधिकारियों ने जोर देकर कहा, “यह कार्रवाई पूरी तरह नियमानुसार और पारदर्शी तरीके से की गई है। अवैध निर्माण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
पुख्ता सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण कार्रवाई
कार्रवाई के दौरान एडीएम सिटी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पहले से पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई शांतिपूर्ण रही और मजार के मूल ढांचे को कोई छेड़छाड़ नहीं की गई।
मजार के दस्तावेजों की भी जांच
प्रशासन ने मजार से जुड़े दस्तावेजों की मांग की है ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद न हो। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारा मकसद सिर्फ नियमों का पालन सुनिश्चित करना है। यह कार्रवाई शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में एक कदम है।”
जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर अलग-अलग राय सामने आईं। कुछ ने इसे सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने की दिशा में जरूरी कदम बताया, तो कुछ ने धार्मिक भावनाओं से जोड़ने की कोशिश की। हालांकि, प्रशासन ने दोहराया कि कार्रवाई का मकसद सिर्फ अवैध निर्माण हटाना था और मजार के मूल ढांचे को पूरी तरह सुरक्षित रखा गया।
काशी को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मुहिम
यह कार्रवाई वाराणसी को अतिक्रमण से मुक्त और सुव्यवस्थित बनाने की प्रशासन की व्यापक मुहिम का हिस्सा है। शहरवासियों का कहना है कि ऐसी कार्रवाइयों से न केवल काशी की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि कानून का सम्मान भी सुनिश्चित होगा।