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Sunday, July 20, 2025

मुरादाबाद: प्रेम ने तोड़ी मजहब की दीवार, दो मुस्लिम युवतियों ने हिंदू युवकों संग रचाया ब्याह

मुरादाबाद, 20 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में प्रेम और एकता की एक अनोखी मिसाल सामने आई है, जहां दो मुस्लिम युवतियों ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाकर अपने प्रेमियों के साथ आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह रचाया। कटघर थाना क्षेत्र की स्वालेहीन ने अमित कुमार के साथ और भोजपुर क्षेत्र की नूर फातिमा ने गौरव कुमार के साथ सात फेरे लिए। धर्म परिवर्तन के बाद स्वालेहीन अब शालिनी और नूर फातिमा नीलम बन गई हैं। यह घटना क्षेत्र में सामाजिक समरसता और प्रेम के प्रति सम्मान का प्रतीक बन गई है।

प्रेम की जीत, धर्म की दीवारें ढही

मुरादाबाद के कटघर और भोजपुर क्षेत्रों से ताल्लुक रखने वाली स्वालेहीन और नूर फातिमा की प्रेम कहानी ने सामाजिक और धार्मिक बंधनों को तोड़कर एक नई मिसाल कायम की है। दोनों युवतियों ने अपने प्रेम को जीवनसाथी बनाने के लिए हिंदू धर्म स्वीकार किया और 15 जुलाई 2025 को हापुड़ के आर्य समाज मंदिर में विवाह संपन्न किया। शादी के बाद स्वालेहीन ने अपना नाम शालिनी और नूर फातिमा ने नीलम रख लिया। दोनों ने अपने परिवारों से खतरे की आशंका जताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की है।

स्वेच्छा से लिया फैसला

आर्य समाज मंदिर के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दोनों युवतियों ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया और विवाह की सभी रस्में विधिवत पूरी की गईं। शालिनी ने बताया कि वह तुर्क बिरादरी से हैं और उन्होंने अपनी इच्छा से अमित कुमार से शादी की। वहीं, नीलम ने कहा कि वह गौरव से प्रेम करती हैं और इस रिश्ते को विवाह में बदलने का फैसला उनकी स्वतंत्र इच्छा से लिया गया। दोनों ने अपने परिवारों से जान का खतरा बताते हुए यह भी कहा कि वे अपने नए जीवन में खुश हैं और किसी भी दबाव में नहीं हैं।

पुलिस-प्रशासन की नजर

इस घटना की जानकारी मिलते ही मुरादाबाद पुलिस और प्रशासन सक्रिय हो गया है। दोनों युवतियों ने अपने परिवारों से खतरे की आशंका जताई है, जिसके चलते पुलिस ने उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले पर नजर रखी जा रही है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

सामाजिक चर्चा का विषय

मुरादाबाद, जिसे पीतल नगरी के नाम से भी जाना जाता है, अपनी हिंदू-मुस्लिम मिश्रित आबादी के कारण सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र रहा है। इस तरह के अंतर-धार्मिक विवाह और धर्म परिवर्तन के मामले अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरी हैं। जहां कुछ लोग इसे प्रेम और एकता का प्रतीक मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे धार्मिक और सामाजिक तनाव का कारण भी बता रहे हैं।

एक नई शुरुआत

शालिनी और नीलम ने अपने वीडियो संदेश में स्पष्ट किया कि उन्होंने यह कदम अपनी मर्जी से उठाया है और वे अपने पतियों के साथ खुशहाल जीवन जीना चाहती हैं। यह घटना न केवल मुरादाबाद, बल्कि पूरे देश में प्रेम और सामाजिक एकता की मिसाल बन रही है, जो धर्म और जाति की दीवारों को तोड़कर एक नए दौर की शुरुआत का संदेश दे रही है।

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