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Sunday, July 20, 2025

यूपी पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अवैध धर्मांतरण के खिलाफ मिशन अस्मिता, 6 राज्यों से 10 गिरफ्तार

लखनऊ, 20 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस ने अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यूपी पुलिस ने मिशन अस्मिता के तहत अवैध धर्मांतरण के एक बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन में 6 राज्यों से 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जो लव जिहाद, रैडिकलाइजेशन और अंतरराष्ट्रीय जिहादी फंडिंग से जुड़े हैं।

डीजीपी ने बताया कि यूपी पुलिस न केवल 25 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटी है, बल्कि सभी पर्व-त्योहारों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में भी सक्षम रही है। मिशन अस्मिता के तहत पहले भी यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण के सिंडिकेट के दो प्रमुख अभियुक्तों, मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जांहगीर आलम कासमी को गिरफ्तार किया था। हाल ही में यूपी एसटीएफ और एटीएस ने छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन के सिंडिकेट का खुलासा करते हुए कई नामजद अभियुक्तों को हिरासत में लिया।

आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार के नेतृत्व में जनपदीय पुलिस ने 6 राज्यों (उत्तर प्रदेश, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, राजस्थान और दिल्ली) से 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इनमें आयशा (गोवा), अली हसन (कोलकाता), ओसामा (कोलकाता), रहमान कुरैशी (आगरा), अब्बू तालिब (मुजफ्फरनगर), अबुर रहमान (देहरादून), मोहम्मद अली (जयपुर), जुनैद कुरैशी (जयपुर), मुस्तफा (दिल्ली) और मोहम्मद अली (जयपुर) शामिल हैं। ये लोग कम उम्र की लड़कियों को प्रलोभन, लव जिहाद और अन्य तरीकों से प्रभावित कर अवैध धर्मांतरण में संलिप्त थे। प्रारंभिक जांच में इस नेटवर्क के PFI, SDPI और पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से संबंध होने के संकेत मिले हैं।

डीजीपी ने बताया कि इस मामले की शुरुआत आगरा में मार्च 2025 में दो सगी बहनों (33 और 18 वर्ष) की गुमशुदगी की रिपोर्ट से हुई। जांच में पता चला कि यह नेटवर्क कनाडा और अमेरिका से फंडिंग प्राप्त कर रैडिकलाइजेशन और लव जिहाद में सक्रिय था। इसकी गंभीरता को देखते हुए डीजीपी ने स्वयं जांच की निगरानी शुरू की। 11 विशेष पुलिस टीमों ने 6 राज्यों में छापेमारी कर 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।

जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क ISIS के सिग्नेचर स्टाइल में काम करता है, जिसमें फंडिंग, सेफ हाउस, लीगल एडवाइस, नए फोन और सिम प्रदान करना, प्रेम जाल में फंसाना, धर्मांतरण के लिए प्रलोभन देना और रैडिकलाइजेशन शामिल है। इस ऑपरेशन में यूपी पुलिस ने एसटीएफ, एटीएस, अन्य राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया।

डीजीपी ने कहा, “यूपी पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेगी। यह कार्रवाई हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।”

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