वाराणसी, 19 जुलाई 2025: बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने तकनीकी उत्कृष्टता और नवाचार के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए आज अपने 2500वें विद्युत रेल इंजन का भव्य लोकार्पण किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर बरेका के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने इंजन को राष्ट्र को समर्पित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘हॉल ऑफ फेम’ में एक प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण के साथ हुई, जिसमें बरेका के गौरवशाली निर्माण इतिहास, निर्यात उपलब्धियों, स्वदेशीकरण प्रयासों, हरित ऊर्जा पहल और तकनीकी नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। इसके बाद, अतिथियों और प्रतिनिधियों ने बरेका की अत्याधुनिक कर्मशालाओं का भ्रमण कर लोकोमोटिव निर्माण की जटिल प्रक्रिया को नजदीक से देखा।
8 वर्षों में 2500 विद्युत इंजन: एक अभूतपूर्व उपलब्धि
बरेका ने 2017 में मात्र दो विद्युत इंजनों के निर्माण से शुरू की गई अपनी यात्रा को केवल 8 वर्षों में 2500वें विद्युत लोकोमोटिव तक पहुंचाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उपलब्धि बरेका की उत्पादन क्षमता, तकनीकी सामर्थ्य और कर्मचारियों की दृढ़ इच्छाशक्ति का जीवंत प्रमाण है।

अब तक बरेका ने कुल 10,822 लोकोमोटिव का निर्माण किया है, जिनमें शामिल हैं:
- 7498 डीजल इंजन
- 2500 विद्युत इंजन
- 641 गैर-रेलवे ग्राहकों के लिए डीजल इंजन
- 174 निर्यातित डीजल इंजन
- 1 ड्यूल ट्रैक्शन इंजन
- 8 कन्वर्जन इंजन
वित्तीय वर्ष 2024-25 में बरेका ने रिकॉर्ड 472 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का निर्माण किया, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
WAP-7: तकनीक और विश्वसनीयता का संगम
2500वां इंजन WAP-7 श्रेणी का है, जो आधुनिक तकनीक का उत्कृष्ट नमूना है। इस इंजन में 6000 HP की शक्ति, वातानुकूलित कैब, रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम और 140 किमी/घंटा की रफ्तार की क्षमता जैसे उन्नत फीचर्स हैं। यह इंजन दक्षिण पश्चिम रेलवे के कृष्णराजपुरम शेड को सौंपा जाएगा।
वैश्विक मंच पर बरेका की साख
बरेका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। हाल ही में मोज़ाम्बिक रेलवे ने बरेका को 10 आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का ऑर्डर दिया, जिनमें से 2 इंजन जून 2025 में रवाना हो चुके हैं। शेष 8 इंजनों की आपूर्ति दिसंबर 2025 तक पूरी की जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक
बरेका की यह उपलब्धि केवल एक औद्योगिक सफलता ही नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह उपलब्धि भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और वैश्विक स्तर पर भारत की औद्योगिक क्षमता को रेखांकित करती है।
बरेका के इस ऐतिहासिक कदम ने न केवल रेलवे के क्षेत्र में बल्कि देश की औद्योगिक और तकनीकी पहचान को और सशक्त किया है।