अल्मोड़ा, 16 जुलाई 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जागेश्वर मंदिर समिति द्वारा आयोजित श्रावणी मेले 2025 का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी श्रद्धालुओं और आयोजकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने जागेश्वर धाम को देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह मेला केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि लोक आस्था, परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का जीवंत प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सांस्कृतिक पुनरुत्थान के अमृतकाल से गुजर रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक और केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्य इसके प्रमुख उदाहरण हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं के धार्मिक स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जागेश्वर मास्टर प्लान के प्रथम चरण के लिए 146 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जबकि दूसरे चरण की परियोजनाओं को भी मंजूरी मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा में पर्यटन विकास की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कोसी नदी के किनारे 40 किमी लंबा साइकिल ट्रैक, शीतलाखेत को ईको टूरिज्म हब, तथा द्वाराहाट और बिनसर को आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों में देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। साथ ही, राज्य में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कम हुई है और पिछले चार वर्षों में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने धार्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता और ऑपरेशन कालनेमी जैसे कठोर कदमों को इसका हिस्सा बताया।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक मोहन सिंह मेहरा, मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, जिलाधिकारी अल्मोड़ा आलोक कुमार पांडेय और मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।