नई दिल्ली, 16 जुलाई 2025: बहुचर्चित फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने फिल्म को “हिंसा भड़काने वाला और समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने वाला” करार देते हुए अपनी गहरी चिंता जताई। कोर्ट ने केंद्र की कमेटी से जल्द निर्णय लेने को कहा, जबकि अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
कपिल सिब्बल का चौंकाने वाला बयान
सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने खुद फिल्म देखी और इसके कंटेंट से “पूरी तरह हिल गए।” उन्होंने कहा, “यह फिल्म एक समुदाय को बदनाम करती है, जिसमें उसका एक भी सकारात्मक पहलू नहीं दिखाया गया। समलैंगिकता, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और न्यायिक प्रक्रिया का गलत चित्रण इस फिल्म में है। यह हिंसा को बढ़ावा देती है।” सिब्बल ने इसे “एजेंडा आधारित” बताते हुए किसी भी लोकतांत्रिक देश में ऐसी फिल्म को अनुमति न देने की बात कही।
कन्हैया लाल के बेटे को धमकियां
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी दर्ज किया कि 2022 के कन्हैया लाल हत्याकांड के पीड़ित के बेटे को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। कोर्ट ने संबंधित पुलिस अधीक्षक और आयुक्त को इसकी जांच करने का निर्देश दिया।
केंद्र सरकार पर टिकी नजरें
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की कमेटी के फैसले का इंतजार करना उचित होगा। कोर्ट ने कमेटी से जल्द से जल्द इस मामले में निर्णय लेने का अनुरोध किया।
याचिकाकर्ताओं की दलील
याचिका कन्हैया लाल हत्याकांड के आठवें आरोपी मोहम्मद जावेद और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दायर की है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सेंसर बोर्ड द्वारा 55 दृश्य हटाने के बावजूद फिल्म का स्वरूप आपत्तिजनक है और इसके प्रचार से देश में हिंसा भड़क सकती है। जावेद ने मांग की है कि जब तक मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक रहे।
क्या है उदयपुर फाइल्स?
उदयपुर फाइल्स 2022 में उदयपुर में हुए कन्हैया लाल साहू हत्याकांड पर आधारित है। इस फिल्म के ट्रेलर और प्रचार सामग्री पर भी याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई है, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। फिलहाल, सभी की निगाहें केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी हैं, जो इस विवादास्पद फिल्म के भविष्य को तय करेगा।