नई दिल्ली, 10 जुलाई 2025: पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश से उत्पन्न बाढ़ संकट के बीच भारतीय सेना ने ऑपरेशन जल राहत 2 के तहत नागालैंड, असम और मणिपुर में व्यापक राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। असम राइफल्स के नेतृत्व में और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सेना बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दिन-रात मानवीय सहायता पहुंचा रही है, जिससे हजारों लोगों की जान बचाई जा रही है।

नागालैंड में त्वरित कार्रवाई
नागालैंड के दीमापुर में, सिंगरिजन कॉलोनी जैसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में सेना ने तुरंत कदम उठाया। दीमापुर उपायुक्त के आग्रह पर सेना ने इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) की तैनाती की और बाढ़ राहत नियंत्रण केंद्र के माध्यम से संसाधनों का तेजी से समन्वय किया। गुरुवार को किए गए राहत कार्यों ने सैकड़ों लोगों की जान बचाई और प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की।

असम और मणिपुर में भी अलर्ट पर सेना
असम के गोलाघाट जिले में धनसिरी नदी के खतरे के निशान से ऊपर बहने के बावजूद जलस्तर अब कम हो रहा है। फिर भी, सेना स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है। मणिपुर में, इम्फाल पश्चिम और बिष्णुपुर जिलों में नम्बोल नदी के उफान पर होने के कारण सेना सक्रिय रूप से राहत कार्यों में जुटी है।

राहत कार्यों के प्रभावशाली आंकड़े
10 जुलाई 2025 तक, सेना ने पूरे पूर्वोत्तर में 40 राहत टुकड़ियों (24 मुख्य और 16 रिजर्व) को तैनात किया है। अब तक 3,820 लोगों को सुरक्षित बचाया गया, 1,361 भोजन पैकेट और 15,421 पानी की बोतलें वितरित की गई हैं। इसके अलावा, 2,095 लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है।

सेना की प्रतिबद्धता
भारतीय सेना का यह अभियान न केवल आपदा प्रबंधन का उदाहरण है, बल्कि स्थानीय प्रशासन के साथ उनके निर्बाध समन्वय और त्वरित कार्रवाई को भी दर्शाता है। प्राकृतिक आपदा के इस कठिन समय में सेना की अटूट प्रतिबद्धता ने हजारों प्रभावित लोगों के लिए उम्मीद की किरण जलाई है।
पूर्वोत्तर में बाढ़ प्रभावित समुदायों को राहत पहुंचाने के लिए ऑपरेशन जल राहत 2 दिन-रात जारी है, और भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार है।