औरैया, 10 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक मां द्वारा अपने तीन मासूम बच्चों की नदी में डुबोकर हत्या करने के जघन्य मामले में जिला अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एडीजे-3) सैफ अहमद की कोर्ट ने आरोपी मां प्रियंका को फांसी की सजा सुनाई, जबकि उसके प्रेमी आशीष को आजीवन कारावास की सजा दी गई। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने इस अपराध को ‘रेयर ऑफ रेयरेस्ट’ (अति दुर्लभ) श्रेणी में रखते हुए कहा कि ऐसी महिला, जो अपने ही बच्चों की हत्या कर सकती है, उसे समाज में जीने का कोई अधिकार नहीं है।
यह घटना 27 जून 2024 की है, जब फफूंद थाना क्षेत्र के तालेपुर गांव में प्रियंका ने अपने चार बच्चों को सेंगुर नदी में डुबो दिया था। इनमें से तीन बच्चों—6 वर्षीय आदित्य, 4 वर्षीय माधव और डेढ़ वर्षीय मंगल—की मौत हो गई, जबकि आठ वर्षीय बेटा सोनू ने बेहोशी का नाटक कर अपनी जान बचाई। सोनू की गवाही इस मामले में निर्णायक साबित हुई, जिसने पुलिस और कोर्ट को घटना की पूरी हकीकत से अवगत कराया।
जांच में पता चला कि प्रियंका की शादी इटावा के बसरेहर निवासी अवनीश से हुई थी, जिनकी डेढ़ साल पहले करंट लगने से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद प्रियंका अपने चचेरे देवर आशीष के साथ औरैया शहर में रहने लगी थी। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया, लेकिन आशीष बच्चों का खर्च उठाने को तैयार नहीं था। बच्चों को ‘बोझ’ मानते हुए दोनों ने मिलकर इस क्रूर साजिश को अंजाम दिया। प्रियंका ने बच्चों को नदी में फेंककर उनकी हत्या कर दी, ताकि वह आशीष के साथ बिना किसी जिम्मेदारी के रह सके।

पुलिस ने घटना के तुरंत बाद प्रियंका और आशीष को गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सात गवाहों, विशेष रूप से सोनू की गवाही और ठोस सबूतों के आधार पर दोनों को दोषी ठहराया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा और एडीजीसी उमेश राजपूत ने मामले में कड़ी पैरवी की, जिसके परिणामस्वरूप यह सजा सुनाई गई।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि यह अपराध न केवल अमानवीय है, बल्कि समाज की नैतिकता को झकझोर देने वाला है। कोर्ट ने इस सजा को अन्य लोगों के लिए एक सबक बताया, ताकि भविष्य में इस तरह के जघन्य अपराधों को रोका जा सके। इस फैसले ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और लोगों में इस क्रूर घटना को लेकर गहरा आक्रोश है।