मंडी, 10 जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ ने तबाही मचाई, लेकिन भारतीय सेना ने एक बार फिर अपनी मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) की भावना का परिचय देते हुए राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाई है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर, सेना की टुकड़ियाँ बाढ़ प्रभावित इलाकों में दिन-रात राहत कार्यों में जुटी हैं।

जमीनी स्तर पर सक्रियता
थुनाग, बग्सियाड और पंडोह जैसे प्रभावित क्षेत्रों में सेना की टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं। इन टुकड़ियों ने 06 जुलाई को बग्सियाड से थुनाग तक एक महत्वपूर्ण खच्चर मार्ग को खोलकर आवश्यक आपूर्ति की राह आसान की। थुनाग में प्रभावित परिवारों को प्राथमिक चिकित्सा और राशन किट का वितरण किया जा रहा है। सेना ने नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर देगी (07 जुलाई), रुशाद (08 जुलाई) और चापड़ (09 जुलाई) जैसे दुर्गम गाँवों तक राहत सामग्री पहुँचाई, जहाँ बाढ़ ने भारी नुकसान पहुँचाया है।

संचार और समन्वय
सीमित मोबाइल नेटवर्क के बावजूद, सेना ने आईएसएटी फोन, आरएस स्टार्सवी और एचएक्स सिस्टम जैसे उपग्रह संचार साधनों के जरिए निर्बाध संपर्क सुनिश्चित किया है। यह तकनीकी सहायता राहत कार्यों को तेज और प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुई है।

आज का एजेंडा
10 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थुनाग का दौरा कर राहत कार्यों का जायजा लेंगे। वहीं, भारतीय सेना के ब्रिगेड कमांडर मंडी में राहत टुकड़ियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और मुख्यमंत्री व मंडी के उपायुक्त के साथ समन्वय को और मजबूत करने के लिए चर्चा करेंगे।

सेना की प्रतिबद्धता
भारतीय सेना ने इस संकट की घड़ी में हिमाचल के लोगों के साथ अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराई है। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सेना न केवल राहत सामग्री पहुँचा रही है, बल्कि प्रभावित समुदायों में उम्मीद की किरण भी जगा रही है। यह राहत अभियान न सिर्फ सेना की तत्परता, बल्कि देश के प्रति उसकी सेवा भावना का भी प्रतीक है।