लखनऊ, 9 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित हाई-प्रोफाइल लूलू मॉल एक बार फिर विवादों के घेरे में है। मॉल में कार्यरत एक हिंदू युवती की शिकायत के आधार पर पुलिस ने सीनियर मैनेजर मोहम्मद फरहाज उर्फ फराज को गिरफ्तार किया है। युवती ने फराज पर रेप, ब्लैकमेलिंग, शारीरिक उत्पीड़न, और जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डालने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
युवती ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज अपनी शिकायत में बताया कि फराज ने कुछ महीने पहले उसे बहाने से अपने घर बुलाया। वहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। इस दौरान फराज ने कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका अश्लील वीडियो बना लिया। होश में आने पर युवती को इस घटना की जानकारी हुई। इसके बाद फराज ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर युवती का शारीरिक और मानसिक शोषण करना शुरू कर दिया।
युवती ने यह भी आरोप लगाया कि फराज ने उससे पैसे और जेवर ऐंठे, और विरोध करने पर उसे पीटा तथा सिगरेट से जलाया। इसके अलावा, फराज ने उस पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया और कहा कि यदि वह मॉल में नौकरी जारी रखना चाहती है, तो उसे धर्म परिवर्तन करना होगा। युवती ने बताया कि लोकलाज और बदनामी के डर से वह लंबे समय तक चुप रही, लेकिन जब प्रताड़ना असहनीय हो गई, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 8 जुलाई को फराज को हिरासत में लिया और 9 जुलाई को उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। सुशांत गोल्फ सिटी थाने के इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह ने बताया कि फराज के खिलाफ बलात्कार, धमकी, मारपीट, और जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। डीसीपी नॉर्थ निपुण अग्रवाल ने कहा कि पुलिस मामले की हर एंगल से गहन जांच कर रही है, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या यह कोई संगठित गिरोह का हिस्सा है। मॉल के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
इस घटना ने लूलू मॉल में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मॉल प्रबंधन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग मॉल में सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
पुलिस ने पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मामले की निष्पक्ष जांच करने का आश्वासन दिया है। इस घटना ने न केवल लूलू मॉल की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और धर्म के नाम पर उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर व्यापक बहस को जन्म दिया है।