नई दिल्ली, 9 जुलाई 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रशासनिक अनियमितताओं और पीएचडी नामांकन परिणामों में देरी के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक व्यापक प्रदर्शन किया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों ने एकजुट होकर विभाग की निष्क्रियता और छात्रों की समस्याओं की अनदेखी के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में एबीवीपी दिल्ली की प्रदेश सह-मंत्री अपराजिता, डूसू उपाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह, सचिव मित्रवृंदा कर्णवाल और विभाग संयोजक गार्गी जोशी प्रमुख रूप से शामिल रहीं।
प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा पीएचडी नामांकन परिणामों में हो रही देरी था, जिसके कारण विद्यार्थियों की शैक्षणिक योजनाएं और भविष्य प्रभावित हो रहा है। छात्रों ने आरोप लगाया कि विभाग के कुछ कर्मचारी अभद्र व्यवहार करते हैं और प्रमाणपत्रों व आवेदनों से संबंधित कार्यों में जानबूझकर अड़चनें पैदा की जा रही हैं। इससे विद्यार्थियों को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एबीवीपी की प्रदेश सह-मंत्री अपराजिता ने कहा, “हिंदी विभाग में छात्रों की उपेक्षा और प्रशासन की असंवेदनशीलता अस्वीकार्य है। यह विभाग हिंदी भाषा के संवर्धन और विद्यार्थी विकास का केंद्र होना चाहिए, लेकिन आज छात्र उपेक्षित और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हम इस मुद्दे को कुलपति कार्यालय तक ले जाएंगे और छात्रों के हितों की रक्षा करेंगे।”
एबीवीपी ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने शीघ्र सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।