पटना, 8 जुलाई 2025: बिहार की राजधानी में चार जुलाई को कारोबारी गोपाल खेमका की उनके घर के बाहर गोली मारकर सनसनीखेज हत्या ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया था। इस हत्याकांड ने बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला। अब इस मामले में बिहार पुलिस और STF ने तेजी दिखाते हुए बड़ा एक्शन लिया है। STF ने हत्या में शामिल एक प्रमुख आरोपी विकास उर्फ राजा को मुठभेड़ में मार गिराया, जो इस हत्याकांड में शूटर को हथियार मुहैया कराने का मुख्य कड़ी था।
BJP का विपक्ष पर पलटवार: ‘जंगलराज की वापसी नहीं होगी’
इस एनकाउंटर के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने बिहार सरकार के कड़े रुख की सराहना की। उन्होंने कहा, “बिहार में कोई भी अपराधी, चाहे वह कितना भी रसूखदार हो, किसी भी परिवार या पार्टी से ताल्लुक रखता हो, बख्शा नहीं जाएगा।” चुग ने लालू प्रसाद यादव के शासनकाल को ‘जंगलराज’ करार देते हुए तंज कसा कि उस दौर में गुंडे दिन-दहाड़े रंगदारी मांगते थे, गैंगवार और लूट-खसोट का बोलबाला था। उन्होंने कहा, “लालू के शासन में अपराधियों को सरकारी संरक्षण मिलता था, लेकिन बिहार की जनता अब जंगलराज को किसी कीमत पर वापस नहीं आने देगी।”
कानून व्यवस्था पर सियासी घमासान
गोपाल खेमका हत्याकांड के बाद से ही बिहार की सियासत गरमाई हुई है। विपक्ष सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार हमलावर है, वहीं सत्तापक्ष इस एनकाउंटर को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का सबूत बता रहा है। पुलिस का दावा है कि विकास उर्फ राजा के मारे जाने से इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में अहम कामयाबी मिली है।
पटना पुलिस और STF अब बाकी आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में अपराध और सियासत के गठजोड़ पर बहस छेड़ दी है। जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह एनकाउंटर वाकई अपराध पर लगाम कसने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा, या सियासी जंग का नया अध्याय लिखेगा।