नई दिल्ली, 7 जुलाई 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक रविवार को दिल्ली के झंडेवालान स्थित ‘केशवकुंज’ कार्यालय में सम्पन्न हुई। इस बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष (2025-26) की योजनाओं, धर्मांतरण, जनसांख्यिकीय असंतुलन, मणिपुर की स्थिति, और सामाजिक समरसता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, दत्तात्रेय होसबोले, अरुण कुमार सहित 46 प्रांतों के प्रमुख और 233 कार्यकर्ता शामिल हुए।
शताब्दी वर्ष में 1 लाख 319 हिंदू सम्मेलन
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने प्रेस वार्ता में बताया कि शताब्दी वर्ष (2 अक्टूबर 2025 से शुरू) में देश के हर मंडल और बस्ती में 1 लाख 319 हिंदू सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा, 11,360 से अधिक सामाजिक सद्भाव बैठकों का आयोजन होगा। इन कार्यक्रमों में स्वयंसेवक ड्रेस कोड में शामिल होंगे और समाज के सभी वर्गों से गृह संपर्क के माध्यम से हिंदुत्व और राष्ट्र के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाएंगे।
मणिपुर में सद्भाव के प्रयास
अंबेकर ने बताया कि मणिपुर में स्थिति पहले से बेहतर हुई है, लेकिन पूर्ण सामान्यीकरण में अभी समय लगेगा। संघ स्वयंसेवक मताई और कुकी समुदायों के बीच संपर्क बनाकर सद्भाव स्थापित करने में जुटे हैं। ऑपरेशन सिंदूर भी चर्चा का प्रमुख विषय रहा।
धर्मांतरण और सामाजिक मूल्यों पर जोर
बैठक में धर्मांतरण को लेकर संघ ने कड़ा रुख अपनाया। अंबेकर ने कहा कि प्रलोभन और साजिश के तहत होने वाला धर्मांतरण गलत है। इसके साथ ही, पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा, पर्यावरण जागरूकता, और समावेशी विकास पर जोर दिया गया। संघ का मानना है कि आर्थिक और तकनीकी प्रगति के साथ-साथ भारतीय परंपरा और संस्कृति का विकास भी आवश्यक है।
पंच परिवर्तन और सर्व समावेशी विकास
संघ ने ‘पंच परिवर्तन’ के तहत आर्थिक, सामाजिक, तकनीकी, और पर्यावरणीय क्षेत्रों में समग्र विकास की योजना बनाई है। 924 जिलों में गृह संपर्क और विशिष्ट नागरिकों के साथ चर्चा के माध्यम से हिंदू एकजुटता को बढ़ावा दिया जाएगा।
भाषा विवाद पर स्थिति स्पष्ट
अंबेकर ने कहा कि संघ के लिए भाषा विवाद कोई मुद्दा नहीं है। सभी क्षेत्रीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषा का दर्जा रखती हैं।
संघ पर प्रतिबंध की मांग पर जवाब
कांग्रेस द्वारा संघ पर प्रतिबंध की मांग पर अंबेकर ने कहा कि ऐसी कोशिशें पहले भी हुईं, लेकिन अदालतों ने इन्हें गैरकानूनी ठहराया। उन्होंने इसे कुछ राजनीतिक दलों की नाकाम कोशिश करार दिया।
प्रशिक्षण शिविरों की उपलब्धि
अंबेकर ने बताया कि अप्रैल से जून 2025 के बीच आयोजित प्रशिक्षण शिविरों में 17,609 युवाओं (40 वर्ष से कम) और 4,270 वरिष्ठ नागरिकों (40-60 वर्ष) ने हिस्सा लिया। इनमें पढ़े-लिखे, किसान, और श्रमिक वर्ग शामिल थे।
संघ की कार्य योजनाएं
बैठक में तीन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा हुई:
- संघ के कार्य विस्तार
- शताब्दी वर्ष की रणनीति
- प्रांत और मंडल स्तर पर कार्यों की समीक्षा
संघ ने सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की चुनौतियों और सामाजिक सद्भाव पर भी विचार-विमर्श किया। यह बैठक देश और समाज को सुदृढ़ बनाने के लिए संघ की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।