✍️ महात्मा अभेद प्रकाशानंद जी महाराज
भारत में छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुका है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) 2022 के अनुसार, भारत में 13,044 छात्रों ने आत्महत्या की, जो 2011 की तुलना में लगभग दोगुना है। यह आँकड़ा हमें गहराई से सोचने को विवश करता है।
इस समस्या के पीछे शैक्षणिक, मानसिक, पारिवारिक, सामाजिक और तकनीकी अनेक कारण हैं। समाधान केवल आधुनिक मनोविज्ञान तक सीमित न होकर, भारत की सनातन संस्कृति के सिद्धांतों के साथ संयोजन में होना चाहिए
मुख्य कारण और समाधान
- शैक्षणिक दबाव
कारण:
- अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और अंकों की दौड़
- प्रतियोगी परीक्षाओं का तनाव
- माता-पिता और समाज की अपेक्षाओं का बोझ
समाधान:
सनातन दृष्टिकोण
- निष्काम कर्म (भगवद गीता) — कर्म करो, फल की चिंता न करो।
- गुरुकुल परंपरा का अनुभव — व्यक्तिगत क्षमता और रुचि के विकास पर ज़ोर।
आधुनिक दृष्टिकोण:
-Growth Mindset — असफलता को सीखने का अवसर मानना।
-कला, संगीत, लेखन जैसे रचनात्मक माध्यमों द्वारा तनाव-मुक्ति (Catharsis)।
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ
कारण:
- अवसाद (Depression), चिंता (Anxiety)
- मानसिक स्वास्थ्य परामर्श का अभाव
- भावनात्मक समर्थन की कमी
समाधान:
सनातन दृष्टिकोण:
- योग, प्राणायाम, ध्यान — चित्त की शांति हेतु।
- गीता: “सुख-दुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ”
-रामचरितमानस: हानि-लाभ, जीवन-मरण, यश-अपयश विधि हाथ।
आधुनिक दृष्टिकोण:
- Cognitive Behavioral Therapy (CBT)
- Mindfulness — वर्तमान क्षण में जीने की कला।
- सामाजिक दबाव और तुलना
कारण:
- सहपाठियों और रिश्तेदारों द्वारा तुलना
- सोशल मीडिया पर दिखावटी जीवन
- आत्म-सम्मान में गिरावट
समाधान
सनातन दृष्टिकोण:
- “स्वधर्मे निधनं श्रेयः” — अपनी प्रकृति के अनुसार कर्म।
- भक्ति, संतोष और आत्म-मूल्य पर ध्यान।
आधुनिक दृष्टिकोण:
-Self-acceptance, Affirmations
-सामाजिक तुलना से बचना।
- कॅरियर और भविष्य की अनिश्चितता
कारण:
- रोजगार अस्थिरता
- मनचाहा क्षेत्र चुनने में कठिनाई
समाधान:
सनातन दृष्टिकोण:
-कर्मयोग — कार्य को साधना मानें, सफलता पीछे आएगी।
-कौशल विकास पर बल।
आधुनिक दृष्टिकोण:
- Career Counseling
- Resilience Training
- पारिवारिक समस्याएँ
कारण:
- माता-पिता में कलह
- आर्थिक कठिनाई
- बच्चों की भावनाओं की अनदेखी
समाधान:
सनातन दृष्टिकोण: - संयुक्त परिवार
- बड़ों का मार्गदर्शन
आधुनिक दृष्टिकोण:
- Family Therapy
- Parenting Workshops
- पढ़ाई के माहौल की समस्याएँ
कारण:
- कोचिंग हब का एकाकी जीवन
- अनुशासन व स्वतंत्रता में असंतुलन
समाधान:
*सनातन दृष्टिकोण:
- संतुलित दिनचर्या
- “संतोष परमं सुखं”- परिणाम को सहजता से स्वीकार करते हुए सकारात्मक भाव से आगे बढने की प्रवृत्ति।
*आधुनिक दृष्टिकोण:
- Study-Life Balance
- Pomodoro Technique
- डिजिटल प्रभाव
कारण:
- सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग
- साइबर बुलिंग
समाधान:
सनातन दृष्टिकोण:
- स्वाध्याय
- मौन
- संयम
*आधुनिक दृष्टिकोण: - Digital Detox
- सकारात्मक सामग्री का चयन
- नशा और व्यसन
कारण:
-तनाव से बचाव हेतु नशे का सहारा
-गलत संगति
समाधान:
सनातन दृष्टिकोण:
-सात्त्विक जीवनशैली
-संतों की संगति
आधुनिक दृष्टिकोण:
-De-addiction Programs
-Group Therapy
- आत्महत्या रोकथाम और जागरूकता
समाधान:
सनातन दृष्टिकोण:
- जीव-आत्मा अमर है किन्तु शरीर रहित लंगड़ा है।
- आत्महत्या पाप है — समाधान जीवन में ही संभव
आधुनिक दृष्टिकोण:
-Suicide Prevention Helplines
-Community Awareness Programs
-Peer Support Groups
-School Mental Health Cells
उपरोक्त विन्दुओं को समझकर हम इस निष्कर्ष पर हैं कि- “छात्रों में मानसिक तनाव और आत्महत्या प्रवृत्ति की समस्या का स्थायी समाधान सनातन संस्कृति और आधुनिक मनोविज्ञान के समन्वय में निहित है।”
-योग, ध्यान, निष्काम कर्म, संतोष और आत्मस्वीकृति जैसे सिद्धांतों को आधुनिक परामर्श, करियर मार्गदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
-परिवार, समाज, विद्यालय और नीति-निर्माता मिलकर ऐसा सशक्त वातावरण निर्मित करें, जिसमें युवा मानसिक रूप से दृढ़ बनें और जीवन को सार्थक दिशा दे सकें।
“जीवन अनमोल है। कठिनाइयाँ क्षणिक हैं। आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं, यह तो कर्मफल की जटिलता को और बढ़ाती है। समाधान सदा जीवन में ही संभव है। सहायता लें, संवाद करें, और आगे बढ़ें।”