मुंबई, 7 जुलाई 2025: महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा के बीच छिड़े विवाद के बीच उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने एक अनोखा और सकारात्मक कदम उठाया है। पार्टी के कद्दावर नेता और फडणवीस सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने ऐलान किया है कि शिवसेना की हर शाखा में मराठी भाषा की मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। यह पहल न सिर्फ भाषाई एकता को बढ़ावा देगी, बल्कि नफरत और हिंसा के जवाब में प्यार और समन्वय का संदेश भी देगी।
विवाद की पृष्ठभूमि
हाल ही में, मीरा रोड पर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने की वजह से एक स्वीट हाउस के मालिक के साथ मारपीट की थी। इस घटना ने न केवल स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश पैदा किया, बल्कि दुकानों के बंद होने का कारण भी बना। इस विवाद ने हिंदी और मराठी भाषा के बीच तनाव को और गहरा कर दिया। ऐसे में, शिवसेना ने इस माहौल को बदलने की ठानी है।
प्यार से सिखाएंगे मराठी
प्रताप सरनाईक ने मीरा-भायंदर में चल रहे इस विवाद पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा, “हम विकास के लिए हैं, विभाजन के लिए नहीं।” उन्होंने ऐलान किया कि शिवसेना की शाखाओं में मराठी बारहखड़ी की किताबें उपलब्ध होंगी, और गैर-मराठी लोगों को मराठी सिखाने के लिए मुफ्त कक्षाएं चलाई जाएंगी। सरनाईक ने जोर देकर कहा, “मराठी सीखना जरूरी है, लेकिन इसे जबरदस्ती नहीं, बल्कि आत्मीयता और प्यार से सिखाया जाएगा।”
उन्होंने अपने चार कार्यकाल के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि मीरा-भायंदर के सभी भाषाई समुदायों ने उन्हें विधायक के रूप में चुना है। इसलिए, उनके लिए हर भाषा का सम्मान महत्वपूर्ण है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि मीरा-भायंदर में शिवसेना के 22 नगरसेवकों में से अधिकांश गैर-मराठी हैं, जो इस क्षेत्र की विविधता को दर्शाता है।
ठाणे में रिक्शा चालकों की अनोखी पहल
विवाद के बीच ठाणे में शिव परिवार ने एक और प्रेरणादायक कदम उठाया है। शिव परिवार के संस्थापक विनय कुमार सिंह ने बताया कि ठाणे में ऑटो रिक्शा चालकों के लिए मराठी सिखाने की विशेष कक्षाएं शुरू की जाएंगी। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात से आए 50 से अधिक रिक्शा चालक मराठी सीखेंगे। यह पहल उस समय और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जब कुछ लोग भाषा को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं।
हाल ही में ठाणे में उद्धव ठाकरे गुट के नेता और पूर्व सांसद राजन विचारे के दफ्तर में एक हिंदी भाषी दुकानदार के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। इस घटना ने भाषाई तनेशन को और बढ़ाया। लेकिन शिव परिवार ने इस विवाद को एक अवसर में बदलते हुए मराठी को बढ़ावा देने का रास्ता चुना।
एक नया संदेश
शिंदे की शिवसेना और शिव परिवार की यह पहल न केवल मराठी भाषा को बढ़ावा देगी, बल्कि यह भी दिखाएगी कि प्यार और सहयोग से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। यह कदम नफरत और हिंसा के खिलाफ एक मजबूत जवाब है, जो महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को सम्मान देने का संदेश देता है। जहां कुछ लोग भाषा को हथियार बना रहे हैं, वहीं शिवसेना का यह प्रयास मराठी को मोहब्बत का जरिया बनाकर एक नई मिसाल कायम कर रहा है।
महाराष्ट्र की इस पहल से एक बात तो साफ है—भाषा जोड़ने का काम करती है, बांटने का नहीं। और जब इसे प्यार से सिखाया जाए, तो यह न केवल सीखने वालों के दिलों को जीतती है, बल्कि समाज को भी एकजुट करती है।